- क्रेडिट कार्ड कंपनियां जीरो इंटरेस्ट EMI ऑफर देती हैं, लेकिन प्रोसेसिंग फीस या फाइल चार्ज वसूलती हैं
- नो-कॉस्ट EMI पर प्रोडक्ट की कीमत बढ़ाई जाती है या मिलने वाले डिस्काउंट कम कर दिए जाते हैं
- रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक का फायदा तभी है जब इन्हें स्मार्ट तरीके से खर्च की आदत के अनुसार इस्तेमाल किया जाए
आज के दौर में क्रेडिट कार्ड का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है. ये सिर्फ एक प्लास्टिक का टुकड़ा नहीं, बल्कि सुविधा और खतरे के बीच की एक पतली रेखा है. हर फेस्टिव सीजन या ऑनलाइन सेल में 'जीरो इंटरेस्ट EMI' के साथ बंपर रिवॉर्ड पॉइंट्स का लालच हमें खरीदारी के लिए मजबूर करता है. लेकिन क्या ये ऑफर वास्तव में आपकी जेब के दोस्त हैं, या कर्ज के जाल का पहला कदम? इस खबर में आपको बताते हैं कि क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल कैसे करें और मुफ्त के फायदों में छुपे खतरों से कैसे बचें.
जीरो इंटरेस्ट EMI का क्या है सच
क्रेडिट कार्ड कंपनियां अक्सर आपको 'जीरो इंटरेस्ट' या 'नो-कॉस्ट ईएमआई' पर महंगे गैजेट्स के साथ अप्लायंसेज खरीदने का ऑफर देती हैं. यह सुनने में बहुत अच्छा लगता है, लेकिन इसमें कुछ शर्तें छिपी होती हैं. जैसे-
कंपनी आपसे इंटरेस्ट नहीं लेती, लेकिन प्रोसेसिंग फीस या फाइल चार्ज के तौर पर एक छोटी रकम काट लेती है.
नो-कॉस्ट EMI ऑप्शन पर मर्चेंट अक्सर प्रोडक्ट की कीमत बढ़ा देते हैं, या फिर आपको मिलने वाले डिस्काउंट को कम कर देते हैं. मतलब ये हुआ कि पैसा आपसे ही लिया जाता है, बस तरीका बदल जाता है.
महंगी चीजें आसानी से मिल जाने पर कहीं ना कहीं फाइनेंस को मैनेज करने की आदत खराब होती है, मतलब कभी ऐसे प्रोडक्ट ऑर्डर कर दिए जाते हैं, जिनकी जरूरत ही नहीं होती है.
रिवॉर्ड पॉइंट इस्तेमाल का क्या है फंडा
क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर मिलने वाले रिवॉर्ड पॉइंट, कैशबैक का लालच सबसे बड़ा होता है. अगर इनका इस्तेमाल स्मार्ट तरीके से किया जाए, तो आप सालाना हजारों रुपये बचा सकते हैं. अगर नहीं तो नुकसान भी अच्छा खासा हो सकता है.
कुछ कार्ड फ्लाइट टिकट बुकिंग पर ज्यादा पॉइंट्स देते हैं, जबकि कुछ किराने के सामान पर. इसलिए अपनी खर्च की आदत के अनुसार कार्ड का इस्तेमाल करें.
हमेशा पॉइंट्स को उस जगह रिडीम करें जहां आपको सबसे ज्यादा कीमत मिल रही हो.
पॉइंट्स का इस्तेमाल सिर्फ उन्हीं चीजों के लिए करें जो आप वैसे भी खरीदने वाले थे.
कर्ज का जाल से कैसे बचें
- क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा खतरा है कर्ज का जंजाल. अगर आप समय पर बिल नहीं चुका पाते हैं तो आपके इस जाल में फंसने के पूरे चांस हैं. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. इसलिए हर महीने पूरा बिल चुकाएं, न कि सिर्फ न्यूनतम राशि. समय पर भुगतान हो जाए इसके लिए आप अपने बैंक खाते से ऑटो-पेमेंट की मदद ले सकते हैं.
- जब आप सिर्फ मिनिमम ड्यू अमाउंट चुकाते हैं, तो बाकी बची हुई रकम पर 30% से 45% तक का सालाना ब्याज लगना शुरू हो जाता है. यह ब्याज चक्रवृद्धि होता है, जो जल्द ही एक बड़ा बोझ बन जाता है.
- यह सोचकर खरीदारी करना कि अभी पैसे नहीं देने, आपको अपने बजट से दूर ले जाता है. इसलिए अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक इस्तेमाल न करें.