आपके क्रेडिट कार्ड के नए नियम शनिवार से होंगे लागू, जानिए इस बारे में सब कुछ..

RBI ने पहली बार इस बारे में वर्ष 2019 में मानदंड पेश किए थे और देश में सभी कंपनियों को 1 अक्टूबर, 2022 तक अपने सिस्टम से सहेजे गए क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को 'सही/'शुद्ध ' (purge)करने का आदेश दिया था.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
मुंबई:

बैंकरों और व्यापारियों का मानना है कि भुगतान के 'फेल' होने और राजस्‍व हानि संबंधी चिंताओं के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की ओर से उपभोक्ताओं के क्रेडिट कार्ड डेटा के लिए सुरक्षा की एक अतिरिक्त 'लेयर' स्थापित करने के लिए व्यवसायों के लिए शुक्रवार की समय सीमा बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है. मामले की जानकारी रखने वाले तीन बैंकिंग और व्‍यापारिक स्‍त्रोतों (Banking and merchant sources)ने रॉयटर्स को बताया कि छोटे कारोबारियों की अनुपालन तिथि (compliance date) को आगे बढ़ाने की मांग के बावजूद, केंद्रीय बैंक की ओर से समय सीमा (deadline) में विस्तार होने को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया है.  रिजर्व बैक की ओर से इस बारे में कमेंट के लिए ई-मेल के जरिये किए गए अनुरोध का जवाब नहीं दिया. 

एक बड़े बैंक वाले स्‍वामित्‍व के बैंकर ने कहा, "सामान्‍य तौर पर हमारा मानना है कि बैंक, कार्ड नेटवर्क और (बड़े) व्यापारी इस बारे में बेहतर तरीके से तैयार हैं, इसलिए विस्तार के लिए पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem)की ओर से तारीख आगे बढ़ाने को लेकर जोर भी बड़े पैमाने पर नहीं है. हमें तारीख आगे बढ़ाए जाने को लेकर अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है," उन्‍होंने कहा, "यदि ऐसा होता है तो हैरत की बात होगी." गौरतलब है कि तीन वर्ष पहले, भारत ने 30 सितंबर तक व्यवसायों को टोकन कार्ड के जरिये कार्ड डेटा सुरक्षित करने के लिए एक्‍सरसाइज शुरू की थी. 'टोकनाइजेशन' ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्ड के विवरण (card details)को एक यूनिक कोड या टोकन द्वारा बदला जाता है जो एक एल्गोरिथ्म द्वारा जनरेट होता है. यह डेटा सुरक्षा में सुधार के लिए कार्ड के विवरण को उजागर किए बगैर ऑनलाइन खरीदारी की इजाजत देता है. 

गौरतलब है कि RBI ने पहली बार इस बारे में वर्ष 2019 में मानदंड पेश किए थे  और देश में सभी कंपनियों को 1 अक्टूबर, 2022 तक अपने सिस्टम से सहेजे गए क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को 'सही/'शुद्ध ' (purge) करने का आदेश दिया था. बैंक, कार्ड कंपनियां और बड़े खुदरा विक्रेता इसके लिए तैयार हैं लेकिन छोटे कारोबारियों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. छोटे कारोबारियों का कहना है कि अल्‍पावधि में इससे उन्‍हें राजस्‍व का नुकसान हो सकता है. व्‍यापारिक एसोसिएशन भी केंद्रीय बैंक के समक्ष यह गुहार लगाने पहुंच गए है कि क्या उन्हें अतिरिक्‍त समय दिया जा सकता है. कुछ व्‍यापारियों और बैंकों को इस बात का डर सता रहा है कि  टोकन के मानदंड लागू होने के बाद कार्ड से संबंधित लेनदेन अल्पावधि में गिर सकते हैं. RBI ने नए दिशानिर्देश इसीलिए जारी किए हैं, ताकि ग्राहकों को असुरक्षित ऑनलाइन घोटालों से सुरक्षित रखा जा सके. इन दिशानिर्देशों के बाद अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी सिर्फ कार्ड जारी करने वाले नेटवर्क द्वारा ही स्टोर की जा सकेगी, और उनके अलावा कोई भी उन्हें स्टोर नहीं कर सकेगा. पहले से स्टोर किया जा चुका डेटा भी अब सभी को डिलीट करना होगा. टोकनाइज़ेशन सिस्टम पूरी तरह निशुल्क होगा, और यह सिर्फ घरेलू ऑनलाइन लेन-देन पर लागू होगा.

बता दें, RBI ने आदेश जारी किया है कि 30 सितंबर, 2022 से पहले ऑनलाइन, प्वाइंट-ऑफ-सेल तथा इन-ऐप लेन-देन में इस्तेमाल होने वाले सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड के डेटा को यूनीक टोकन से रीप्लेस किया जाना अनिवार्य है. टोकनाइज़ेशन के उच्च सुरक्षा स्तर से कार्डधारकों का भुगतान अनुभव बेहतर होगा, और आपके कार्ड की सभी डिटेल एन्क्रिप्टेड 'टोकन' के रूप में स्टोर किए जाएंगे, जिससे ग्राहकों के भुगतान सुरक्षित रहेंगे.

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