Char Dham Yatra: बिना रजिस्ट्रेशन केदारनाथ जा रहे हैं तो फंस जाएंगे, जानें कहां होगा चेक, कैसे कराएं

Char Dham Yatra 2024: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर है की खास बात ये है कि यह 12 ज्‍योर्तिर्लिंगों में से एक माना जाता है. इसके कपाट साल के 6 माह  खुला रहता है और 6 महीने के लिए बंद रहता है.

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नई दिल्ली:

Uttarakhand Chardham Yatra 2024: उत्तराखंड के चार धामों के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने जा रहे हैं. इसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. अक्षय तृतीया के अवसर पर यानी 10 मई को गंगोत्री,यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट खुलेंगे जबकि इसके दो दिन बाद यानी 12 मई को बदरीनाथ के कपाट भक्‍तों के दर्शन करने के लिए खोल दिए जाएंगे. चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही देश भर के श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए लाखों लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.

अगर आप भी भी इस साल इन धामों की यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो हम यह आर्टिकल आपके लिए ही है. आपकी यात्रा को मंगलमय बनाने के लिए हम आपको यहां हर काम की जानकारी दे रहे हैं. जानिए कैसे पहुंच सकते हैं आप केदारनाथ...

यात्रियों की संख्या सीमित करने का प्रावधान नहीं

हर साल केदारनाथ (Kedarnath Yatra 2024) के दर्शन के लिए लाखों की संख्‍या में भक्‍त आते हैं. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर है की खास बात ये है कि यह 12 ज्‍योर्तिर्लिंगों में से एक माना जाता है. इसके कपाट साल के 6 माह  खुला रहता है और 6 महीने के लिए बंद रहता है. बाबा केदारनाथ 6 महीने ऊखीमठ में प्रवास करते हैं. इस बार केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए लाखों लोगों ने रजिस्ट्रेशन (Kedarnath Dham Registration) कराया है. पिछली बार की तरह इस बार किसी भी धाम के लिए यात्रियों की संख्या सीमित करने का प्रावधान नहीं है. लेकिन जो भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2024) करना चाहता है उसे इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.

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बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं कर पाएंगे चारधाम यात्रा 

ऐसे में अगर आपने अभी तक रजिस्ट्रशन नहीं कराया है तो तुरंत ये काम करा लें क्योंकि बिना रजिस्ट्रेशन के आप चारधाम यात्रा नहीं कर पाएंगे. आप चाहे तो चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra Registration) के लिए ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन दोनों माध्यम से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. अगर आप गाड़ी से जा रहे हैं, तो ऋषिकेश से ऊपर उत्तराखंड पुलिस आपसे रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी लेगी. इसके लिए पुलिस ने अपने इंतजाम किए हैं. अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जा रहे हैं, तो फिर आपको रजिस्ट्रेशन पास की जरूरत गौरीकुंड पर पड़ेगी. गौरीकुंड वह जगह है, जहां से केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू होती है. गौरीकुंड में पुलिस हर साल एक चेकपोस्ट बनाती है और फिर रजिस्ट्रेशन की स्लिप देखकर आगे जाने देती है.

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ऐसे में जो यात्री रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे, वे परेशानी में पड़ सकते हैं. रजिस्ट्रेशन इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इससे आपकी सारी जानकारी सरकार के पास रहती है. केदारनाथ की कठिन यात्रा के दौरान अगर आपको कोई परेशानी आती है, तो फिर आपसे संपर्क किया जा सकता है.   

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चार धाम यात्रा के लिए अब तक 20 लाख के करीब रजिस्ट्रेशन

इस साल चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Chardham Yatra Online Registration) 15 अप्रैल से ही शुरू हो गया था. चार धाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल से 3 मई तक कराया गया है. इसके तहत रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा अब तक 20 लाख के करीब पहुंच गया है.

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ऐसे करें चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन

चारधाम यात्रा पर जाने की चाह रखने वाले श्रद्धालुओ को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in के साथ-साथ  touristcareuttarakhand ऐप, टोल फ्री नंबर 0135 1364 और वाट्सऐप नंबर  91-8394833833 के जरिए भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई हैं. इसके अलावा touristcare.uttarakhand@gmail.com पर ईमेल भेजकर या लैंडलाइन नंबर 0135-1364, 0135-2559898, 0135-2552627 पर कॉल करके भी  चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद 8 मई से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू कर दी गई है. जो लोग चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं  वह हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचकर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. लेकिन हमारा सुझाव है कि आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ही करवा लें. इससे आप बेवजह की परेशानी से बच जाएंगे. 

कैसे करा सकते हैं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

आप हरिद्वार पहुंचने के बाद राही मोटल (RAHI MOTEL GMVN Haridwar) और ऋषिकेश में यात्री रजिस्ट्रेशन ऑफिस व ट्रांजिट कैंप में चारों धामों की यात्रा के लिए अधिकतम तीन दिनों के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.यहां अलग- अलग धामों जैसे ऋषिकेश में 1000 और हरिद्वार में प्रतिदिन 500 यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है.

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