घर बनाना सस्‍ता! रेल मंत्री ने दी मिडिल क्‍लास को बड़ी राहत, '90 पैसे वाला फॉर्मूला' जान लीजिए

Indian Railways ने थोक सीमेंट ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक टैंक कंटेनर विकसित किया है. रेलमंत्री ने बताया कि इस कंटेनर को सीधे सीमेंट फैक्ट्री में भरा जा सकता है और फिर खपत वाले स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में काफी कमी आएगी.

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Railways Cuts Transportation Cost: रेलवे ने सीमेंट की ढुलाई सस्‍ती कर दी है.

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव (Rail Minister Ashwini Vaishnaw) ने रेलवे से जुड़ी एक ऐसे बड़े सुधार की घोषणा की है, जिसका फायदा देशभर के करोड़ों लोगों को मिलने वाला है. आम लोगों के लिए घर बनाना बेहद सस्‍ता हो जाएगा. कारण कि रेलवे के इस फैसले से सीमेंट सस्‍ता हो सकता है. दरअसल, रेलवे ने सीमेंट की ढुलाई के लिए 90 पैसे वाली दर लागू कर दी है. इससे सीमेंट बनाने, बेचने वाली कंपनियों के साथ-साथ व्यापारियों को फाइनल प्राइस कम पड़ेगी और आम लोगों को सीमेंट सस्‍ता पड़ेगा. यहां हम इस बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं. 

रेल मंत्री ने किया बड़ा ऐलान 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश भर में सीमेंट की ट्रांसपोर्टेशन कॉस्‍ट यानी परिवहन लागत को कम करने के उद्देश्य से मंगलवार को एक बड़े सुधार की घोषणा की, जिससे मिडिल क्‍लास के लोगों घर बनाने को सीधा फायदा पहुंचने वाला है. उनके लिए घर बनाने की लागत कम हो जाएगी. बल्क सीमेंट टर्मिनल नीति और कंटेनर दर युक्तिकरण पर एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में रेल मंत्री ने इस बारे में जानकारी दी. उन्‍होंने बताया कि रेलवे ने थोक सीमेंट परिवहन के लिए 90 पैसे प्रति जीटीकेएम (GTKM) की एक समान परिवहन दर लागू की है.

90 पैसे/GTKM का क्‍या है मतलब? 

जीटीकेएम (GTKM) का फुल फॉर्म होता है- Gross Tonne-Kilometre यानी एक किलोमीटर तक एक टन (1 Gross Tonne) भार का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज ₹0.90 यानी 90 पैसा होगा. यानी 100 टन सीमेंट को ट्रेन से 200 किलोमीटर तक भेजने का चार्ज (.90 x 100 x 200) 1,800 रुपये पड़ेगा. 

मिडिल क्‍लास को बड़ी राहत 

अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'मध्यमवर्गीय परिवारों के अपने घर बनाने के सपने में सीमेंट की लागत एक प्रमुख कारक होती है. सीमेंट परिवहन की लागत को कम करने के प्रयास में, रेलवे ने थोक सीमेंट परिवहन की अनुमति देते हुए एक बड़ा सुधार लागू किया है.'

मंत्री ने कहा कि परिवहन खर्च में ये कमी अंततः सीमेंट की समग्र लागत को कम करने में मदद करेगी, जिसका 'बड़ा प्रभाव' घर बना रहे मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा. 

इस वजह से कम होगी लागत 

रेलवे ने थोक सीमेंट आवाजाही के लिए एक टैंक कंटेनर विकसित किया है. इस कंटेनर को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस कंटेनर को सीधे सीमेंट फैक्ट्री में भरा जा सकता है और फिर खपत वाले स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में काफी कमी आएगी.

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स्लैब-आधारित दरें अब खत्‍म  

वैष्णव ने जोर दिया कि इस पहल का एक सबसे महत्वपूर्ण सुधार पारंपरिक स्लैब-आधारित परिवहन शुल्कों को समाप्त करना है, जो लंबे समय से चली आ रही थीं. नया सिस्‍टम 90 पैसे/जीटीकेएम की एक स्पष्ट, समान दर स्थापित करती है, जिससे सीमेंट निर्माताओं के लिए योजना बनाना, रूट तय करना और परिवहन लागत की गणना करना अधिक पारदर्शी और अनुमानित हो जाएगा. यह कदम उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों का समर्थन करते हुए भारत में सीमेंट परिवहन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.

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