8th Pay Commission Basic Salary Calculation Formula: 8वें वेतन आयोग को लेकर ये बात तो साफ हो गई है कि इसे पूरी तरह लागू होने में वर्ष 2028 तक का इंतजार करना पड़ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि लाखों केंद्रीय कर्मियों को इसका फायदा साल 2028 से ही मिलेगा. 8वें वेतन आयोग का फायदा 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों और करीब 65 लाख पेंशनर्स को मिल सकता है. खबरों के मुताबिक, 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से ही लागू माना जाएगा और इसी तारीख से कर्मचारियों को नए कैलकुलेशन के हिसाब से सैलरी दी जाएगी. दरअसल इसी साल जनवरी में मोदी कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी, लेकिन इसका अधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आया और न ही आयोग का गठन हुआ है. बावजूद इसके बताया जा रहा है कि भले ही ये लागू बाद में हो, लेकिन सैलरी जनवरी 2026 से ही लागू हो जाएगी.
फिटमेंट फैक्टर का फॉर्मूला
किसी भी वेतन आयोग में सैलरी कैलकुलेशन के लिए 'फिटमेंट फैक्टर' (Fitment Factor) बहुत मायने रखता है. ये बेसिकली एक मल्टीप्लायर होता है, जिससे किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी यानी मूल वेतन को मल्टीप्लाई (गुना) कर नई बेसिक सैलरी तय की जाती है. छठे वेतन आयोग में न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये थी और सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इस फॉर्मूले के तहत न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ कर सीधे 18,000 रुपये हो गई थी.
8वें वेतन आयोग का अब तक ऑफिशियल नोटिफिकेशन नहीं आया है. इसको लेकर अब तक कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं, जिनमें अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर की चर्चा की गई है. कुछ रिपोर्ट्स में 1.92 तो कुछ में 2.86 तक के फिटमेंट फैक्टर की चर्चा है. एक संभावना ये जताई जा रही है कि आयोग 2.46 फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकता है.
मूल वेतन में मर्ज होगा महंगाई भत्ता!
इस बार कहा जा रहा है कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में ही मर्ज किया जा सकता है. वेतन आयोग के गठन के समय ऐसा मान कर चला जाता है कि मूल वेतन की गणना महंगाई को देखते हुए की जाएगी. फिर अगले 10 या ज्यादा साल तक महंगाई बढ़ने के अनुसार उसी मूल वेतन में राशि जोड़ी जाती है, जो महंगाई भत्ते के तौर पर जोड़ कर दिया जाता है. इसलिए ऐसा कहा जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग की शुरुआत में महंगाई भत्ता, बेसिक सैलरी में ही मर्ज होगा. और इसलिए फिटमेंट फैक्टर ज्यादा (2.46) रहने का अनुमान जताया जा रहा है.
किसकी कितनी बढ़ जाएगी सैलरी?
सैलरी के कैलकुलेशन के लिए हम फिटमेंट फैक्टर को 2.46 मानकर कैलकुलेट कर सकते हैं. इसके मुताबिक न्यूनतम बेसिक सैलरी जो कि अभी 18,000 रुपये है, वो बढ़ कर 44,000 रुपये हो सकती है. ये लेवल-1 के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी होगी. इसमें महंगाई भत्ता तो नहीं जुड़ेगा, लेकिन शहरों के अनुसार, एचआरए (HRA) यानी हाउस रेंट अलाउंस जरूर जुड़ेगा.
- यानी नई बेसिक सैलरी के कैलकुलेशन का फॉर्मूला होगा-
- पुरानी बेसिक सैलरी x 2.46 = 8वें वेतन आयोग में बेसिक सैलरी
इस फॉर्मूले के अनुसार, देखिए लेवल 1 से लेवल 18 तक के कर्मियों की बेसिक सैलरी कितनी बढ़ जाएगी.
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अब पूरी सैलरी का कैलकुलेशन कर लेते हैं
मान लीजिए कि आप लेवल-7 के केंद्रीय कर्मी हैं.
- ऐसे में आपका मूल वेतन होगा= 44,900 रुपये.
- इसमें मौजूदा DA यानी महंगाई भत्ता जुड़ेगा (55+3) 58% = 26,042 रुपये.
- मेट्रो सिटी दिल्ली के अनुसार HRA 27% = 12,123 रुपये.
- इस हिसाब से कुल सैलरी (बेसिक + DA + HRA) हो गई = 83,065 रुपये.
अब जानते हैं कि वें वेतन आयोग के कैलकुलेशन में सैलरी कितनी बढ़ जाएगी.
लेवल-7 के केंद्रीय कर्मी की मूल सैलरी (जैसा कि टेबल में कैलकुलेट किया गया है) हो जाएगी = 1,10,554 रुपये
इसमें DA री-सेट होगा 0% = 0 रुपये
HRA जुड़ जाएगा 27% = 29,849.58 रुपये
इस हिसाब से कुल सैलरी (बेसिक + DA + HRA) हो जाएगी- 1,40,403 रुपये.
इसी फॉर्मूले के आधार पर आप अलग-अलग पे लेवल मैट्रिक्स वाले कर्मियों की सैलरी के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं. हालांकि ये ध्यान में रखना जरूरी है कि ये कैलकुलेशन का तय फॉर्मूला नहीं है, बल्कि इसे अनुमानित और एक आकलन के तौर पर देखा जाना चाहिए.
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