- केंद्र ने स्वास्थ्य योजना के तहत 2,000 मेडिकल प्रक्रियाओं की पैकेज दरों में बड़े पैमाने पर संशोधन किया है
- नए पैकेज दरें अलग-अलग शहरों की श्रेणी और अस्पताल की गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग तय की गई हैं
- एम्पैनल्ड अस्पताल अब कैशलेस इलाज देने में आनाकानी नहीं करेंगे, जिससे केंद्रीय कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी
केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मियों और करीब 65 लाख पेंशनर्स के लिए एक खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने पिछले बुधवार (1 अक्टूबर) को हुई कैबिनेट मीटिंग में महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने के बाद एक और बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme) के तहत बड़े सुधार किए हैं. शुक्रवार (3 अक्टूबर) को केंद्र ने करीब 2,000 मेडिकल प्रक्रियाओं की पैकेज दरों को रिवाइज (संशोधित) किया गया है. सीजीएचएस (CGHS) के हालिया बदलाव इसी 13 अक्टूबर से लागू होंगे. पिछले डेढ़ दशक में ये सबसे बड़ा संशोधन बताया जा रहा है. पुरानी दरों के चलते न केवल केंद्रीय कर्मियों को, बल्कि अस्पतालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
बड़ी दिक्कतें दूर होंगी
केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों की सबसे बड़ी शिकायत ये थी कि CGHS से जुड़े (एम्पैनल्ड) अस्पताल अक्सर कैशलेस इलाज देने से मना कर देते थे. ऐसे में उन्हें इलाज के लिए अपनी जेब से मोटी रकम चुकानी पड़ती थी. और फिर रिइम्बर्समेंट (पैसे वापस मिलने) के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता था.
एम्पैनल्ड हॉस्पिटल्स ये तर्क देते थे कि सरकार ने जो पैकेज दरें तय कर रखी हैं, वे पुरानी हो चुकी हैं और कम हैं. साथ ही अस्पतालों को समय पर भुगतान भी नहीं मिल पाता था. ऐसे में हॉस्पिटल्स, लाभार्थियों को कैशलेस सुविधा नहीं देना चाहते थे.
अगस्त 2025 में, केंद्रीय कर्मचारियों के राष्ट्रीय संघ (NFGCGEU) ने सरकार को एक ज्ञापन देकर इस मुद्दे की ओर ध्यान खींचा था. इसमें कहा गया था कि कैशलेस सुविधा न मिलने से कर्मचारियों और पेंशनरों को काफी परेशानी होती है. उन्हें इमरजेंसी में भी अक्सर इलाज से मना कर दिया जाता था. अब ऐसी दिक्कतें दूर होंगी.
नए सुधार में क्या-क्या है?
केंद्र सरकार ने करीब 2,000 मेडिकल प्रक्रियाओं के लिए नई दरें तय की हैं. ये दरें शहर की श्रेणी (टियर-I, टियर-II, टियर-III) और अस्पताल की गुणवत्ता (जैसे NABH एक्रेडिटेशन) पर आधारित हैं.
- टियर-II शहरों में पैकेज दरें बेस रेट से 19% कम होंगी.
- टियर-III शहरों में पैकेज दरें बेस रेट से 20% कम होंगी.
- NABH एक्रेडिटेड अस्पताल बेस रेट पर सेवाएं देंगे.
- गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम दर मिलेगी.
- 200 से ज्यादा बेड वाले सुपर-स्पेशियल्टी अस्पतालों को 15% ज्यादा दर मिलेगी.
कर्मचारियों को क्या-क्या फायदे होंगे?
केंद्रीय कर्मियों को अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी. कार्डधारक अब पूरे भरोसे के साथ एम्पैनल्ड अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे.
- कैशलेस इलाज आसान होगा: रेट रिवाइज होने से अस्पतालों को अब नए पैकेज दरें आकर्षक लगेंगी तो अस्पताल CGHS कार्डधारकों को कैशलेस इलाज देने से ना-नुकुर नहीं करेंगे.
- जेब पर बोझ नहीं होगा: कर्मचारियों और पेंशनर्स को जेब से पैसे खर्च करने की मजबूरी कम होगी. उन्हें अब पहले ही बड़ी रकम नहीं चुकानी होगी.
- नहीं अटकेगा रिइम्बर्समेंट का पैसा: कर्मचारियों की एक और परेशानी ये कम होगी कि महीनों तक उनका पैसा नहीं अटकेगा.
केंद्र की CGHS योजना सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है. समय-समय पर इसमें संशोधन देखे गए हैं. जैसे कि अप्रैल 2023 में आईसीयू, रूम रेंट और कंसल्टेशन फी की दरों में आंशिक संशोधन किया गया था. वहीं 2024 में न्यूरो-इम्प्लांट और कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं की दरों को संशोधित किया गया था. हालांकि इतने बड़े पैमाने पर व्यापक सुधार यह पहली बार लागू किया गया है.
ये भी पढ़ें: 8th Pay Commission: लेवल 1 से 18 तक... DA नहीं मिलेगा फिर भी इतनी बढ़ जाएगी सैलरी, ये है कैलकुलेशन का सटीक फॉर्मूला