Char Dham: गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा शुरू करने से पहले जान लें जरूरी बातें, ऐसे करना है रजिस्ट्रेशन

Chota Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल है. ऐसे में अगर आप इन सभी पवित्र स्थलों के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले कुछ जरूरी जानकारी जान लीजिए.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
जानिए छोटा चार धाम यात्रा के बारे में

Chota Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा 30 अप्रैल, 2025 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के प्रवेश द्वार के खुलने के बाद शुरू कर दी जाएगी. जिसमें चार तीर्थ स्थल शामिल किए जाते हैं, जो हैं, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ. बता दें, देश और दुनिया से हर साल श्रद्धालु इस पवित्र मार्ग पर तीर्थयात्रा करते हैं. हर साल होने वाली इस चार धाम यात्रा को हिंदू धर्म में काफी महत्व दिया जाता है. मान्यता के अनुसार, जो श्रद्धालु चार धाम की यात्रा करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. बता दें, चार धाम में शामिल होने वाले धाम भारत की 4 दिशाओं में स्थित है. इसे 'छोटा चारधाम यात्रा' के नाम से भी जाना जाता है. इस पवित्र तीर्थयात्रा में शामिल होने के लिए भारत से ही नहीं,बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. ऐसे में अगर आप भी इस साल चारधाम यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले कुछ जरूरी जानकारी जान लीजिए.

यमुनोत्री से शुरू होगी चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है, जो पवित्र यमुना नदी का उद्गम स्थल है. यहां अगर आप आते हैं, तो ऊबड़-खाबड़ चोटियों और ग्लेशियरों से घिरा, देवी यमुना को समर्पित मंदिर देखने लायक है. बता दें, यहां सबसे खास सूर्य कुंड हैं, जो एक नेचुरल हॉट स्प्रिंग्स (natural hot springs) है. बता दें, यहां भक्त देवी को प्रसाद के रूप में चावल और आलू पकाते हैं. यमुनोत्री की यात्रा, पैदल चलने के साथ - साथ टट्टुओं और पालकियों द्वारा की जा सकती है.


दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम
चारधाम यात्रा का दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम है. बता दें, यमुनोत्री से कुछ घंटों की ड्राइव पर गंगोत्री है, जो गंगा का पौराणिक जन्म स्थान माना गया है.  3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, देवी गंगा को समर्पित यह मंदिर पौराणिक कथाओं से भरा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि राजा भगीरथ की तपस्या ने नदी को स्वर्ग से नीचे उतारा था. यहां से आपको भागीरथी नदी देखने को मिलेगी, जो चट्टानी इलाके से होकर तेजी से बह रही है. इसी के साथ गोमुख तक एक छोटा सा ट्रेक भी करने का मौका मिलेगा. इसी के साथ आप यहां हिमालय की चोटियों के मनोरम दृश्य भी देख सकेंगे.

तीसरा पड़ाव केदारनाथ धाम
चारधाम यात्रा का तीसरा पड़ाव केदारनाथ धाम है. बता दें, केदारनाथ, चार मंदिरों में सबसे ज्यादा दूरी पर स्थित है. भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. जिसके दर्शन करने के लिए श्रद्धालु 16 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई करने के लिए देश और दुनिया से आते हैं. केदारनाथ धाम की यात्रा की शुरुआत गौरीकुंड से हो जाती है. तीर्थयात्रियों का मानना है कि केदारनाथ लिंगम को छूने से जीवन भर के कर्म धुल जाते हैं. बता दें, इस साल केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई 2025 को सुबह 7 बजे से खुलने जा रहे हैं.


चौथा पड़ाव बद्रीनाथ है.
छोटा चारधाम यात्रा का चौथा और आखिरी पड़ाव बद्रीनाथ है, जिसके कपाट 4 मई 2025 को सुबह 6 बजे खुल जाएंगे. बद्रीनाथ धाम में जगत पालनहार विष्णु भगवान को पूजा जाता है. ये भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है, जिसकी काफी मान्यता है. बता दें, मंदिर के ठीक बाहर 'तप्त कुंड'  है, जिसमें स्नान करना काफी पवित्र माना गया है. इसी के साथ यहां पर भारत-तिब्बत सीमा से पहले अंतिम गांव 'माणा' भी है, जिसे एक्सप्लोर किया जा सकता है.

कब देखें उत्तराखंड के ये प्राचीन मंदिर
मंदिर अप्रैल के अंत से नवंबर की शुरुआत तक अपने कपाट खोलते हैं, लेकिन यात्रा के लिए बेस्ट समय मई और जून या सितंबर और अक्टूबर के बीच माना गया है, क्योंकि मानसून के महीने (जुलाई और अगस्त) भारी बारिश और संभावित भूस्खलन होने का खतरा बना रहता है.

Advertisement


चारधाम यात्रा के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन
अगर आप चारधाम यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो बता दें, इसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करनी होगी. जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से की जाती है.  श्रद्धालु उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन  कर सकते हैं.

Advertisement

ये Video भी देखें:


 

Featured Video Of The Day
Top Headlines: India Pakistan Conflict | Indian Army | Operation Sindoor | Jyoti Malhotra | Top News