Blogs | रवीश कुमार |रविवार अक्टूबर 30, 2016 01:57 PM IST त्योहारों के दिन व्हाट्सऐप से डर लगने लगता है. डर उचित शब्द भले न हो मगर इसी के आसपास की श्रेणी के शब्दों वाला अहसास होता है. मैं कल्पना कर सकता हूं कि कई टेलिकॉम कंपनियों और मेरे फोन के बीच ब्रॉडबैंक रूपी जितने भी संपर्क रास्ते हैं वहां तीन तीन घंटे के जाम लगे होंगे. बंपर टू बंपर ट्रैफिक होगा.