Blogs | राकेश कुमार मालवीय |मंगलवार सितम्बर 27, 2016 03:22 PM IST जब कोई विदेशी पर्यटक भारत में गरीब-लाचार लोगों की तस्वीरें लेता है, कुपोषित बच्चों की तस्वीरें उतारता है, सड़क पर भीख मांगते लोगों को दया का पात्र मानता है, ढाबों-होटलों में बच्चों को टेबल साफ करते देखता है, तो वह समझता है, यही भारत है. ऐसे भारत पर हमको भी दया आती है. हम कामना करते हैं किसी भी पर्यटक को ऐसा भारत खोजने से भी न मिले.