'भारत में विदेशी पर्यटक'

- 14 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Business | Reported by: भाषा |बुधवार अगस्त 30, 2023 12:16 PM IST
    भारत में इस साल जनवरी से जून तक आए विदेशी पर्यटकों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 106 फीसदी अधिक है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों द्वारा साझा किए आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून 2022 के मुकाबले 2023 में इस दौरान विदेशी मुद्रा में भी वृद्धि हुई है. भारत कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: आनंद नायक |गुरुवार दिसम्बर 22, 2022 06:32 PM IST
    कोविड को लेकर बढ़ी चिंता के बीच केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डीने NDTV से बातचीत में कहा कि भारत में विदेशी और घरेलू पर्यटकों को कोरोना की गाइडलाइन और प्रोटोकॉल को गंभीरता से फॉलो करना चाहिए. उन्‍होंने कहा, "सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की गई है कि वह लोगों से मास्क और कोविड-19 कॉल का पालन करने की सलाह दें और सोशल गाइडलाइंस को फॉलो करें."
  • World | Reported by: भाषा |शनिवार अक्टूबर 23, 2021 05:41 PM IST
    मेक्सिको के तुलुम कैरिबियाई रिजॉर्ट में गोलीबारी में मारे गए दो विदेशी पर्यटकों में से भारत में जन्मी कैलिफोर्निया की 25 वर्षीय महिला शामिल है जो अपना जन्मदिन मनाने के लिए मेक्सिको आई थीं. एक स्थानीय समाचार वेबसाइट की खबर के अनुसार, यह घटना बुधवार रात की है. गोलीबारी में अंजली रयॉट के साथ जर्मनी की एक अन्य पर्यटक भी मारी गईं. रयॉट 22 अक्टूबर को अपने जन्मदिन से पहले सोमवार को तुलुम आई थीं.
  • India | Reported by: NDTV.com |बुधवार मार्च 4, 2020 02:54 PM IST
    केंद्र ने की पुष्टि, दिल्ली में क्वारैन्टाइन किए गए 15 इटैलियन पर्यटक कोरोनावायरस के टेस्ट में पॉज़िटिव पाए गए
  • India | भाषा |रविवार सितम्बर 2, 2018 10:05 PM IST
    यह संख्या 132.3 करोड़ रही. इसमें भी दक्षिण एशियाई देशों में सबसे अधिक विदेशी यात्री भारत पहुंचे और वह शीर्ष पर रहा. संयुक्त राष्ट्र के पर्यटन संगठन के आंकड़ों में यह बात सामने आयी है.
  • Business | भाषा |सोमवार मई 7, 2018 08:39 AM IST
    यूं तो लोग नए स्थानों को देखने और नए अनुभवों को प्राप्त करने के लिए लायलित रहते हैं लेकिन भारत में पर्यटक बहुत जगह इस लिए जाना नहीं पसंद करते क्यों की उन्हें वहां बोलचाल की भाषा की दिक्कत आने का डर रहता है. ऑनलाइन यात्रा कंपनी बुकिंग डॉट कॉम के एक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय पर्यटक अपनी सीमाओं से आगे जाकर यात्रा करने और नए अनुभवों को प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहते हैं. लेकिन वह कई बार भाषा के बाधक होने के डर और अनजानी बेचैनी के चलते ऐसा करने से कतराते हैं. 
  • Services | भाषा |सोमवार मई 7, 2018 12:46 PM IST
    यूं तो लोग नए स्थानों को देखने और नए अनुभवों को प्राप्त करने के लिए लायलित रहते हैं लेकिन भारत में पर्यटक बहुत जगह इस लिए जाना नहीं पसंद करते क्यों की उन्हें वहां बोलचाल की भाषा की दिक्कत आने का डर रहता है. ऑनलाइन यात्रा कंपनी बुकिंग डॉट कॉम के एक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय पर्यटक अपनी सीमाओं से आगे जाकर यात्रा करने और नए अनुभवों को प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहते हैं. लेकिन वह कई बार भाषा के बाधक होने के डर और अनजानी बेचैनी के चलते ऐसा करने से कतराते हैं. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार मार्च 16, 2018 08:46 AM IST
    केंद्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस ने कहा कि देशी पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों के द्वारा एक निश्चित "आचार संहिता" को फॉलो करने की आवश्यकता है, ताकि वे जिस जगह घूमने जाते हैं, उस जगह की संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप तालमेल बिठा सकें. केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि, विदेशों में विदेशी बिकिनी पहन कर सड़कों पर चलते हैं. जब वे भारत आते हैं, आप विदेशियों से हमारे शहरों में बिकनी पहन कर नहीं चलने की उम्मीद करते हैं. गोवा में वे सभी समुद्र के बीच पर ऐसा करते हैं. वे शहर में उसी तरह के ड्रेस में नहीं आते हैं. आप जहां और जिस देश जाते हैं, आपको वहां की संस्कृति की समझ की भावना होनी चाहिए और आपको उसी तरह से व्यवहार करना चाहिए. 
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |मंगलवार सितम्बर 27, 2016 03:22 PM IST
    जब कोई विदेशी पर्यटक भारत में गरीब-लाचार लोगों की तस्वीरें लेता है, कुपोषित बच्चों की तस्वीरें उतारता है, सड़क पर भीख मांगते लोगों को दया का पात्र मानता है, ढाबों-होटलों में बच्चों को टेबल साफ करते देखता है, तो वह समझता है, यही भारत है. ऐसे भारत पर हमको भी दया आती है. हम कामना करते हैं किसी भी पर्यटक को ऐसा भारत खोजने से भी न मिले.
  • Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अगस्त 30, 2016 09:35 AM IST
    हम 'अतिथि देवो भव:' में यक़ीन करने वाले लोग हैं, लेकिन भारत में हम लोग जिन देवी-देवताओं के अतिथि हैं, उनका भी तो ख़्याल रखना है. हम इन बाहरी देव-देवियों को कुछ भी पहनने की छूट नहीं दे सकते. इसलिए जो बाहरी देव हैं, उनसे उम्मीद की जाती है कि ख़ुद को अतिथि से ज़्यादा न समझें. हम अतिथि का सत्कार ही नहीं करते, उन्हें सलवार भी दे सकते हैं. मल्लब, पहनने की सलाह देते हैं.
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