News | Reported by: IANS |शुक्रवार मार्च 25, 2016 11:21 AM IST करीब 15 से 19 साल की उम्र की 23,428 महिलाओं पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि जिन महिलाओं को एंटीरियर क्रूसिएट लिंगामेंट (एसीएल यानी घुटने के जोड़) में चोट की समस्या थी और वे अगर गर्भनिरोधक गोलियां ले रही थीं, तो उन्हें डाएग्नॉस्टिक सर्जरी करवाने की ज़रूरत कम पड़ी।