File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शनिवार नवम्बर 17, 2018 01:08 PM IST आंध प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने सीबीआई को अपने अपने राज्य में छापे मारने व जांच करने के लिए दी गई सामान्य रजामंदी वापस ले ली है. वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण राज्यों का उन पर से विश्वास कम हो रहा है. हालांकि भाजपा ने इसे भ्रष्ट दलों द्वारा अपने हितों के बचाव के लिए अधिकारों की स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण कवायद करार दिया. सीबीआई को अब इन राज्यों में अदालती आदेश वाले मामलों व केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों को छोड़कर शेष सभी में किसी तरह की जांच के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. आंध्र प्रदेश में तेलुगूदेशम पार्टी की सरकार है जिसके मुखिया चंद्रबाबू नायडू हैं वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी का शासन है. दोनों ही उन नेताओं में शामिल हैं जो 2019 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाने के लिए प्रयासरत हैं. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री (गृह) एन चिना राजप्पा ने कहा कि सहमति वापसी लेने की वजह देश की प्रमुख जांच एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोप हैं.