India | मंगलवार अप्रैल 21, 2015 03:39 PM IST अपने पूर्व साथियों को याद करते हुए इस पोस्ट में योगेंद्र यादव ने यह भी कहा कि यह किसी को घसीटकर उसी के घर से निकाले जाने जैसा है, लेकिन उन्होंने कवि हरिवंशराय बच्चन को उद्धृत करते हुए यह विश्वास भी व्यक्त किया कि यह अंत नहीं है, 'नीड़ का निर्माण फिर...'