Uttar Pradesh | भाषा |शुक्रवार नवम्बर 22, 2019 09:56 AM IST आयोग का मत है कि मौजूदा कानूनी प्रावधान धर्मान्तरण रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और इस गंभीर मसले पर दस अन्य राज्यों की तरह नये कानून की आवश्यकता है. आजादी के पहले और बाद, देश और पड़ोसी देशों मसलन नेपाल, म्यामांर, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान के कानूनों के अध्ययन के बाद रिपोर्ट को राज्य सरकार के विचारार्थ भेजा गया है.