India | Reported by: भाषा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव |शनिवार अप्रैल 25, 2020 07:22 PM IST ऐसे में एक अध्ययन में कहा गया है कि सूती कपड़ा और प्राकृतिक सिल्क को मिलाकर या सूती कपड़े के साथ शिफॉन के कपड़े को मिलाकर बनाया गया मास्क हवा में मौजूद ठोस कणों अथवा तरल कणों को व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने देता. लेकिन मास्क का आकार सही होना जरूरी है. अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार ‘सार्स-कोव-2’, नया कोरोना वायरस जिसके कारण कोविड-19 होता है, वह मुख्य तौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, बात करने अथवा सांस लेने के दौरान उसके मुंह अथवा नाक से निकले तरल कणों के कारण फैलता है. मास्क बनाने से संबंधित अध्ययन में अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता भी शामिल हैं.