रामानंद सागर की 'रामायण' भारतीय टेलीविजन का एक ऐसा मील का पत्थर है, जिसने दर्शकों के दिलों पर ऐसी छाप छोड़ी, जो आज भी है. दूरदर्शन पर प्रसारित इस धारावाहिक ने वाल्मीकि रामायण पर आधारित कहानी को घर-घर पहुंचाया. 29 दिसंबर को रामानंद सागर की जयंती है. अरुण गोविल (राम), दीपिका चिखलिया (सीता), सुनील लहरी (लक्ष्मण), और दारा सिंह (हनुमान) जैसे कलाकारों ने किरदारों को अमर बना दिया. शो की लोकप्रियता इतनी थी कि एपिसोड प्रसारण के समय सड़कें सूनी हो जाती थीं. 'रामायण' से जुड़े कई खूबसूरत किस्से हैं. ऐसा ही एक मजेदार किस्सा रामानंद सागर और लव-कुश का किरदार निभाने वाले बाल कलाकारों से जुड़ा है.
शत्रुघ्न सिन्हा के बेटों लव- कुश को रामायण में लेना चाहते थे रामानंद सागर
'रामायण' के उत्तर कांड में लव और कुश के किरदार बेहद महत्वपूर्ण थे. इन भूमिकाओं के लिए रामानंद सागर ने सबसे पहले अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा के जुड़वां बेटों (लव और कुश सिन्हा) को कास्ट करने की सोची थी. लेकिन, कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो सका. इसके बाद सागर ने बाल कलाकारों की तलाश शुरू की और उनकी नजर महाराष्ट्र के दो युवा लड़कों पर पड़ी, स्वप्निल जोशी (कुश का किरदार) और मयूरेश क्षेत्रमाडे (लव का किरदार). दोनों ने अपने मासूम चेहरे और शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया.
टैक्सी ड्राइवर के मालिक के कारण मिले लव कुश
एक इंटरव्यू में रामानंद सागर ने इन बाल कलाकारों के साथ सेट पर हुई मजेदार घटनाओं का जिक्र किया था. सागर ने बताया था, "दिल्ली के कुछ कलाकारों ने मुझे काफी तंग किया. हुआ यह कि कानपुर जाते समय एक टैक्सी पर 'लव कुश' लिखा देखकर मैंने कौतुहलवश टैक्सी वाले से पूछा तो उसने बताया कि यह हमारे मालिक के बच्चों का नाम है. उन लड़कों को टेस्ट के लिए बुलाया. दोनों की उम्र ठीक लव-कुश के किरदार के बराबर थी. टेस्ट में पास होने के बाद सागर को लगा कि ये दोनों बहुत शरारती हैं और शैतान हैं तो अच्छे एक्टर भी होंगे. लेकिन शूटिंग शुरू होते ही मुश्किलें बढ़ गईं. सेट पर आने के बाद दोनों तैयार होकर बैठ तो जाते थे, लेकिन कैमरा ऑन होते ही कहते—"हम काम नहीं करेंगे!"
हाथ में डंडे लेकर आ गए थे लव-कुश
रामानंद सागर ने आगे बताया था, " पहले दो दिन ऐसे ही निकल गए. मैं तो वैसे भी गुस्सा नहीं करता तो सोचा कि कुछ और दिमाग लगाना पड़ेगा. फिर मैंने सेट पर एक नाटक रचा. दिखावे के लिए सेट पर दो आदमियों को डंडे से पीटा और एक टेबल भी तोड़ डाली. इससे लड़कों को लगा कि काम नहीं किया तो हमें भी मार पड़ेगी. उस दिन थोड़ा काम हुआ. मगर हैरत की बात है कि अगले दिन दोनों फिर आए, लेकिन हाथ में डंडे लेकर! बोले – "हमारे पास भी डंडे हैं, कुछ किया तो..."
सांप का डर दिखाकर शुरू करवाई शूटिंग
उन्होंने बताया था कि उस समय शूटिंग के लिए सांप लाए गए थे. टोकरी का मुंह खुला रह गया और सांप बाहर निकल आया. यह देखकर दोनों लड़के डर गए. मैंने इसका फायदा उठाया—जहां वे शरारत शुरू करते, मैं सांप की टोकरी का ढक्कन खोल देता. लड़के तुरंत मान जाते और डायलॉग बोलने लगते. मैं उनसे कहता, "वर्जिश करो," तो वे तुरंत शुरू हो जाते. इस 'सांप ट्रिक' से दोनों को कंट्रोल कर लिया और शूटिंग सुचारु रूप से पूरी हुई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं