दिल्ली कैंट में इंटरनेशनल पोलो कप की ट्रॉफी का अनावरण हुआ, जो भारत और अर्जेंटीना की टीमों के बीच 25 अक्टूबर को होगा. दोनों देशों के बेहतरीन खिलाड़ी इस खेल में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. सेना के आर्मी इक्वेस्ट्रियन सेंटर में इस ट्रॉफी और मुकाबले के बारे में बताया गया. खेल के आयोजकों का कहना है कि आम भारतीय दर्शकों तक पोलो की पहुंच करने के लिए इस खेल का आयोजन किया जा रहा है, क्योंकि ये पूरी तरह से भारतीय खेल है और मणिपुर से ही इस खेल का जन्म हुआ है.
सिमरन शेरगिल, शमशीर अली, सवाई पद्मनाभ सिंह और सिद्धांत शर्मा इंटरनेशनल पोलो कप में भारत की चुनौती पेश करेंगे. भारतीय पोलो संघ (आईपीएल) और कोग्नीवेरा आईटी ने इंटरनेशनल पोलो कप की ट्रॉफी का अनावरण किया. अर्जेंटीना टीम में जुआन आगस्टिन गार्सिया ग्रोस्सी, सल्वाडोर जुरेशे , मटियास बतिस्ता और निकोलस जोर्ज कोर्टी मॉडरना शामिल हैं. दिल्ली में पांच साल बाद अंतरराष्ट्रीय पोलो हो रहा है.
पोलो का मुकाबला 25 अक्टूबर को दिल्ली के जयपुर पोलो ग्राउंड में खेला जाएगा, यह 16 गोल मुकाबला होगा, जो फिलहाल भारत की सबसे ऊंची हैंडिकैप श्रेणी है.
बता दें कि पोलो की उत्पत्ति भारत के मणिपुर में सगोल कांगजई नाम से हुई थी.ब्रिटिश इसे 19वीं सदी में औपाचरिक रूप से संगठित कर दुनिया तक ले गए, जिसमें अर्जेंटीना भी शामिल था. अब इसी अर्जेंटीना से भारत का मुकाबला होने जा रहा है.
इंडियन पोले एसोसिएशन के सचिव कर्नल विक्रमजीत सिंह काहलों ने बताया कि ये भारतीय टीम काफी मजबूत है, जो अर्जेंटीना टीम के खिलाफ खेलेगी. अर्जेंटीना की टीम में ऐसे पेशेवर खिलाड़ी शामिल हैं, जो भारत में लगातार खेलते रहे हैं और यहां की परिस्थितियों से भली-भांति परिचित हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि अर्जेंटीना पोलो का पावरहाउस है तो हमने सोचा कि 5 साल बाद जब दिल्ली में इंटरनेशनल पोलो दोबारा शुरू हो रहा है तो क्यों न मजबूत टीम को बुलाया जाए.
इस कार्यक्रम में कोग्निवेरा आईटी सॉल्यूशन के सीईओ कमलेश शर्मा ने कहा कि पोलो का मतलब सिर्फ गोल्स से नहीं है, ये जुड़ाव, लय और साझा उद्देश्यों से जुड़ा है. हम आईटी सोल्यूशंस में भी अपने काम में यही दर्शन अपनाते हैं. अपने काम को कौशल, रणनीति और प्रतिबद्धता से पूरा करते हैं. भारतीय पोलो एसोसिएशन के साथ साझेदारी हमारे लिए सम्मान की बात है.