I Love You, आप मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो...आतंकी हमले में पिता को खोने वाले मासूम बेटे का दर्द चीर देगा सीना

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में मारे गए आंध्र प्रदेश के मधुसूदन राव का शव देर रात चेन्नई हवाई अड्डे पर लाया गया। चेन्नई हवाई अड्डे के कार्गो सेक्शन में उनके पार्थिव शरीर को देखकर परिजन फूट-फूटकर रो पड़े.

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Pahalgam Attack Victim : पहलगाम हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश
अमरावती:

आई लव यू, नाना... आप मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो, आप हमेशा मेरे साथ रहते हो. अपने पिता की याद में रोते-बिलखते मासूम बच्चे के दर्दभरे अल्फाज  किसी का भी दिल चीर देंगे. ये अल्फाज उस बच्चे के है, जिसने पहलगाम आतंकी हमले में अपने पिता को खो दिया. जो बच्चा अपने पिता की उंगली पकड़कर चल रहा हो, उसे अपने सामने खो देने के गम की कल्पना तक नहीं की जा सकती. दुनिया के किसी भी बच्चे के लिए उसके पापा सुपरहीरो से कम नहीं होते हैं, जो उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं. सुपरहीरो मार्वल और डीसी कॉमिक्स के वो फेमस कैरेक्टर है, जो हर बुराई से लड़ते हैं. बचपन में बच्चा कॉमिक्स और सुपरहीरो का फैन होता है, इसलिए हर किसी बच्चे को अपने पिता में सुपरहीरो दिखता है. जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में मारे गए आंध्र प्रदेश के मधुसूदन राव का शव देर रात चेन्नई हवाई अड्डे पर लाया गया. चेन्नई हवाई अड्डे के कार्गो सेक्शन में उनके पार्थिव शरीर को देखकर परिजन फूट-फूटकर रो पड़े. जहां बच्चे ने अपने पिता को नम आंखों के साथ सैल्यूट किया.

दहशतगर्दों के हमले में मासूम बच्चों ने पिता को खोया

कश्मीर की वादियों में एक दिल दहला देने वाले कायराना आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई. इसमें से एक आंध्र प्रदेश के मधुसूदन भी थे, जिन्हें आतंकियों ने बड़ी बेरहमी के साथ मार दिया. आतंकियों ने बच्चों के सामने ही उनके पिता को  गोली मार दी. जब आतंकियों ने गोली चलाई तो न सिर्फ बच्चों ने उनके पापा को छीना बल्कि उनका खेलता-हंसता बचपन भी छीन लिया. पिता को खोने का जो दर्द बच्चों की आंखों में दिख रहा है, उसके आगे दुनिया की हर खुशी कम पड़ जाएगी. आंध्र प्रदेश के कावली के रहने वाले एस. मधुसुधन राव, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, जिन्होंने बेंगलुरु में 12 साल तक अपनी मेहनत की स्याही से सपनों की इबारत लिखी, लेकिन मंगलवार को जब वो पहलगाम में जिंदगी के खूबसूरत पलों को फैमिली के साथ सजो रहे थे, तब दहशतगर्दों ने वहां आकर उनकी जान ले ली. सब कुछ पलभर में तबाह हो गया.

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मासूम बच्चों का दर्द देख फट जाएगा कलेजा

मधुसूदन इस बर्बर आतंकी हमले का शिकार हो गए. उनकी मौत से उनके पीछे छूट गया एक टूटा हुआ परिवार—पत्नी कमाक्षी, उनकी बेटी जो इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही है, और उनका बेटा, जो आठवीं क्लास में है. उस नन्हे बेटे की आवाज ना सिर्फ पहलगाम की वीरान पड़ी वादियों में गूंज रही होगी बल्कि हर शख्स को सुनाई दे रही है. जिसमें बच्चा कह रहा है आई लव यू, नाना. तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो. तुम हमेशा मेरे साथ रहते हो. कौन ऐसा पत्थर दिल इंसान होगा, जो मासूम बिलखते बच्चे के ये शब्द सुन अंदर तक ना सिहर जाए.

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पहलगाम हमले ने दे दिया जिंदगीभर का दर्द

मधुसूदन की यादें उनके परिवार के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगी. उनका बेटा शायद हर रात अपने पिता को तारों में ढूंढेगा, और उनकी बेटी अपने सपनों को पूरा करने की ताकत अपने पिता की यादों से लेगी. कश्मीर की खूबसूरत वादियां, जिनका दीदार न सिर्फ आंखों को बल्कि रूह को भी सकून देता है, अब मधुसूदन के परिवार के लिए जिंदगीभर का दर्द बन गई.  गुरुवार की सुबह, चेन्नई हवाई अड्डे पर मधुसूदन का पार्थिव शरीर लाया गया गृहनगर कावली ले जाने से पहले, एयरपोर्ट पर भी मौजूद लोगों की आंखें नम थीं. टीएनसीसी अध्यक्ष के. सेल्वापेरुंथगई और राज्य बीजेपी प्रमुख नैनार नागेंद्रन जैसे राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, मानो उनकी चुप्पी में एक गहरी संवेदना बोल रही हो. मधुसुधन की अंतिम यात्रा शुरू हुई, पर वो घर जो कभी उनकी हंसी से गूंजता था, अब सन्नाटे में डूबा है. 

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