Budget 2023 : अभी तक पुरानी कर व्यवस्था में 50,000 की मानक कटौती का लाभ दिया जाता था
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले अपने पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को कर मोर्चे पर राहत दी है. इसके तहत नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक की आय पर अब कोई कर नहीं लगेगा. हालांकि, यह लाभ केवल नई टैक्स रिजीम को चुनने वालों को मिलेगा. वहीं 3 लाख रुपये तक आय वालों सभी लोगों पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को संसद में इस सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए इसका प्रस्ताव किया कि नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक की आय पर अब कोई कर नहीं लगेगा. इसके अलावा पहली बार नई कर व्यवस्था के तहत भी मानक कटौती के लाभ का प्रस्ताव किया गया है.
अभी तक पुरानी कर व्यवस्था में 50,000 की मानक कटौती का लाभ दिया जाता था. वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था यानि बिना कोई छूट वाली कर व्यवस्था को 'डिफॉल्ट' बनाने का प्रस्ताव किया. 'डिफॉल्ट' का मतलब है कि अगर आयकर रिटर्न भरते समय आपने विकल्प नहीं चुना तो आप स्वत: नई आयकर व्यवस्था में चले जाएंगे.
बजट में किये गये प्रस्ताव के तहत सात लाख रुपये तक की आय पर कोई कर लगेगा. पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये की आय पर शून्य आयकर लगेगा, जबकि 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर कर 30 प्रतिशत कर लगेगा.
नई कर व्यवस्था में आयकर स्लैब के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा. वहीं, तीन लाख रुपये से छह लाख रुपये पर पांच प्रतिशत, छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा.
‘डिफॉल्ट' व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर आयकर विशेषज्ञ सत्येन्द्र जैन ने बताया कि इसका मतलब है कि अगर आपने आयकर रिटर्न में अपना विकल्प नहीं चुना है, तो आप स्वत: नई कर व्यवस्था में चले जाएंगे. वास्तव में सरकार नई कर व्यवस्था को बढ़ावा दे रही है, लेकिन यह केवल उन्हीं लोगों के लिये फायदेमंद है, जो कोई बचत नहीं करते. इसके अलावा, बजट में अधिक आय वाले करदाताओं को राहत भी दी गई है. इसमें अधिभार की उच्चतम दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत की गई है, जिससे कर की दर में तीन प्रतिशत का असर पड़ेगा.