इत्तेफाक फिल्म का सीन
नई दिल्ली:
रेटिंगः 2.5 स्टार
डायरेक्टरः अभय चोपड़ा
कलाकारः सोनाक्षी सिन्हा, सिद्धार्थ मल्होत्रा और अक्षय खन्ना
‘इत्तेफाक’ के साथ कोई गलत इत्तेफाक न हो इसे बचाने के लिए फिल्म के निर्माताओं ने जी-जान लगा दी और फिल्म को दुनिया भर में हर जगह एक ही दिन रिलीज किया गया. वजहः फिल्म का सस्पेंस न खुल जाए. चलिए निर्माताओं की यह अच्छी कोशिश रही और फिल्म बनाने में भी यह कोशिश नजर आती है. राजेश खन्ना की ‘इत्तेफाक’ और सोनाक्षी सिन्हा और सिद्धार्थ मल्होत्रा की ‘इत्तेफाक’ में अंतर सिर्फ इतना है कि एक एक्टिंग के मामले में अव्वल थी दूसकी एक्टिंग के मोर्चे पर पानी मांगती नजर आती है.
यह भी पढ़ें : थप्पड़ से नहीं, सोनाक्षी सिन्हा को फिल्मों में 'बोल्ड' सीन करने से लगता है डर...
कितनी दमदार कहानी
फिल्म की कहानी राइटर सिद्धार्थ मल्होत्रा की है जो अपनी बुक को लॉन्च करने के लिए आया है. लेकिन इत्तेफाकन एक कत्ल हो जाता है और दूसरे कत्ल से उसका नाम जुड़ जाता है. जहां उसकी मुलाकात सोनाक्षी सिन्हा से होती है. इस तरह डबल मर्डर और दो संदिग्ध. फिर एंट्री होती डायलॉगमार पुलिस ऑफिसर अक्षय खन्ना की, और फिर लंबी पूछताछ और कई तरह के रहस्य सामने आते जाते हैं. फिल्म सस्पेंस के मामले में परफेक्ट है. फिल्म की स्पीड भी ठीक-ठाक है. डायरेक्शन में भी अभय चोपड़ा ने अच्छा काम किया है. कुल मिलाकर फिल्म बांधे रखती है. लेकिन तंग करते हैं तो सिर्फ सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा.
यह भी पढ़ें : Ittefaq: क्यों मानते हैं अक्षय खन्ना कि 'रिएलिटी शोज पर नाचने से फिल्म देखने नहीं आते दर्शक'
एक्टिंग के रिंग में
एक अच्छी कहानी को अच्छी एक्टिंग का सहारा भी चाहिए होता है. ये बात ‘इत्तेफाक’ में नजर नहीं आती है. फिल्म की लीड स्टारकास्ट में सिद्धार्थ, सोनाक्षी और अक्षय हैं. अक्षय खन्ना तो अपना काम बखूबी कर जाते हैं. वे अपने कैरेक्टर में जमते भी हैं और एक्टिंग के मामले में वे सब पर भारी पड़े हैं. लेकिन सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा निराश करते हैं. जिस तरह की इंटेंस एक्टिंग की दरकार थी, उस मामले में दोनों ही चूकते नजर आए. सिद्धार्थ मल्होत्रा का जहां एक्टिंग में हाथ थोड़ा तंग है, वह यहां भी नजर आता है. फिर सोनाक्षी सिन्हा तो कई मौकों पर बहुत ही अजीब से लुक देती नजर आती हैं. इस तरह अक्षय ही है जो इस मोर्चे पर राहत का एहसास कराते नजर आते हैं.
बातें और भी हैं
करन जौहर ने फिल्म के प्रमोशन को न के बराबर रखा. फिल्म में गानों के लिए कोई जगह नहीं है. फिल्म का बजट लगभग 20 करोड़ रु. बताया जाता है. इस तरह फिल्म के निर्माताओँ ने फिल्म को एक अनोखे ढंग से प्रचारित किया. ताकि फिल्म का सस्पेंस बना रहे. ‘इत्तेफाक’ फिल्म एक खास वर्ग तक सीमित भी हो जाती है, ऐसा वर्ग जिसे फुली एंटरटेनमेंट की तलाश रहती है. फिल्म का सस्पेंस ही इसे बचा सकता है, और देखना यह है कि यह कितने समय तक कायम रह पाता है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
डायरेक्टरः अभय चोपड़ा
कलाकारः सोनाक्षी सिन्हा, सिद्धार्थ मल्होत्रा और अक्षय खन्ना
‘इत्तेफाक’ के साथ कोई गलत इत्तेफाक न हो इसे बचाने के लिए फिल्म के निर्माताओं ने जी-जान लगा दी और फिल्म को दुनिया भर में हर जगह एक ही दिन रिलीज किया गया. वजहः फिल्म का सस्पेंस न खुल जाए. चलिए निर्माताओं की यह अच्छी कोशिश रही और फिल्म बनाने में भी यह कोशिश नजर आती है. राजेश खन्ना की ‘इत्तेफाक’ और सोनाक्षी सिन्हा और सिद्धार्थ मल्होत्रा की ‘इत्तेफाक’ में अंतर सिर्फ इतना है कि एक एक्टिंग के मामले में अव्वल थी दूसकी एक्टिंग के मोर्चे पर पानी मांगती नजर आती है.
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कितनी दमदार कहानी
फिल्म की कहानी राइटर सिद्धार्थ मल्होत्रा की है जो अपनी बुक को लॉन्च करने के लिए आया है. लेकिन इत्तेफाकन एक कत्ल हो जाता है और दूसरे कत्ल से उसका नाम जुड़ जाता है. जहां उसकी मुलाकात सोनाक्षी सिन्हा से होती है. इस तरह डबल मर्डर और दो संदिग्ध. फिर एंट्री होती डायलॉगमार पुलिस ऑफिसर अक्षय खन्ना की, और फिर लंबी पूछताछ और कई तरह के रहस्य सामने आते जाते हैं. फिल्म सस्पेंस के मामले में परफेक्ट है. फिल्म की स्पीड भी ठीक-ठाक है. डायरेक्शन में भी अभय चोपड़ा ने अच्छा काम किया है. कुल मिलाकर फिल्म बांधे रखती है. लेकिन तंग करते हैं तो सिर्फ सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा.
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एक्टिंग के रिंग में
एक अच्छी कहानी को अच्छी एक्टिंग का सहारा भी चाहिए होता है. ये बात ‘इत्तेफाक’ में नजर नहीं आती है. फिल्म की लीड स्टारकास्ट में सिद्धार्थ, सोनाक्षी और अक्षय हैं. अक्षय खन्ना तो अपना काम बखूबी कर जाते हैं. वे अपने कैरेक्टर में जमते भी हैं और एक्टिंग के मामले में वे सब पर भारी पड़े हैं. लेकिन सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा निराश करते हैं. जिस तरह की इंटेंस एक्टिंग की दरकार थी, उस मामले में दोनों ही चूकते नजर आए. सिद्धार्थ मल्होत्रा का जहां एक्टिंग में हाथ थोड़ा तंग है, वह यहां भी नजर आता है. फिर सोनाक्षी सिन्हा तो कई मौकों पर बहुत ही अजीब से लुक देती नजर आती हैं. इस तरह अक्षय ही है जो इस मोर्चे पर राहत का एहसास कराते नजर आते हैं.
बातें और भी हैं
करन जौहर ने फिल्म के प्रमोशन को न के बराबर रखा. फिल्म में गानों के लिए कोई जगह नहीं है. फिल्म का बजट लगभग 20 करोड़ रु. बताया जाता है. इस तरह फिल्म के निर्माताओँ ने फिल्म को एक अनोखे ढंग से प्रचारित किया. ताकि फिल्म का सस्पेंस बना रहे. ‘इत्तेफाक’ फिल्म एक खास वर्ग तक सीमित भी हो जाती है, ऐसा वर्ग जिसे फुली एंटरटेनमेंट की तलाश रहती है. फिल्म का सस्पेंस ही इसे बचा सकता है, और देखना यह है कि यह कितने समय तक कायम रह पाता है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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