नई दिल्ली:
रेटिंगः 1.5 स्टार
डायरेक्टरः अपूर्वा लाखिया
कलाकारः श्रद्धा कपूर, सिद्धांत कपूर और अंकुर भाटिया
हसीना पारकर के डायरेक्टर अपूर्वा लाखिया ने 2003 में फिल्में बनानी शुरू की थीं लेकिन अभी तक वे सिर्फ एक ही हिट फिल्म दे सके हैं और वह ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’. ‘हसीना पारकर’ अपूर्वा की सातवीं फिल्म है, और यह फिल्म भी बुरी तरह से निराश करती है. फिल्म की स्टारकास्ट से लेकर कहानी तक सब में लोचा है. न तो ‘आपा’ ही कोई छाप छोड़ पाती है और न ही ‘भाई’ ही उतना दमदार लगा है. गैंगस्टर ड्रामा बनाते समय हमेशा कैरेक्टराइजेशन का ध्यान रखा जाता है लेकिन इस मामले में अपूर्वा पूरी तरह चूक गए हैं. फ़िल्म में कोई भी कनेक्शन पॉइंट नहीं मिलता और बायोपिक वाली इंटेंसिटी भी इसमें मिसिंग है.
यह भी पढ़ें: ‘दाऊद इब्राहिम’ बोला, मैं नहीं जानता था कौन है हसीना पारकर
कितनी दमदार कहानी
हसीना पारकर दाऊद इब्राहिम की छोटी बहन है और दिखाया गया है कि उसे अपने भाई की वजह से कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ता है. फिल्म प्रेजेंट और फ्लैशबैक के बीच में झूलती है. फिल्म में बम धमाकों, हिंदू मुस्लिम दंगों और दाऊद के दुबई जाने के जरिये हसीना की जिंदगी को दिखाने की कोशिश है. हसीना श्रद्धा कपूर सीधी-सादी जिंदगी जीती है, अपने पति अंकुर के साथ. लेकिन दाऊद की वजह से उसकी जिंदगी ही बदल जाती है. अंडरवर्ल्ड डॉन भाई की बहन की कहानी के नजरिये से देखिए तो यह एक अच्छी कोशिश थी लेकिन खराब ट्रीटमेंट की वजह से फिल्म का बाजा बज जाता है. न तो स्टोरी में मजा आता है न ही फिल्म का फ्लो ही कोई असर डाल पाता है.
यह भी पढ़ें: श्रद्धा कपूर की फिल्म 'हसीना पारकर' की फंडिंग की होगी जांच
यह भी पढ़ें: जब ‘दाऊद इब्राहिम’ को पड़ी मार तो ‘हसीना पारकर’ के निकल आए आंसू
एक्टिंग के रिंग में
'डैडी' और 'हसीना पारकर' में दाऊद नजर आ चुका है और दोनों ही फिल्मों के दाऊद ने निराश किया है. 'डैडी' में फरहान अख्तर दाऊद के किरदार में बहुत खराब लगे थे और हसीना पारकर में सिद्धांत कपूर भी निराश करते हैं. अगर फिल्म भाई-बहन पर है तो क्या जरूरी है कि असल जिंदगी के भाई बहन को ही ऑनस्क्रीन भाई बहन बना दिया जाए. सिद्धांत बिल्कुल भी नहीं जमे हैं. हसीना आपा के रोल में श्रद्धा ने बहुत कोशिश की लेकिन वे वैसा नहीं कर पाई जैसा उन्हें करना चाहिए था. हसीना के रोल तक तो वे ठीक थीं लेकिन आपा का रोल उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका. उनका गैटअप, बोलने का अंदाज और फूला हुआ फेस काफी तंग करता है. ये फिल्म श्रद्धा के कंधों पर थी, इस लिहाज से उनके किरदार को और मजबूत बनाया जाना चाहिए था. अंकुर भाटिया ठीक हैं.
यह भी पढ़ें: श्रद्धा कपूर की ‘हसीना पारकर’ को हिट होना ही पड़ेगा नहीं तो....
बातें और भी हैं
‘हसीना पारकर’ का बजट लगभग 30-35 करोड़ बताया जाता है. इस तरह कमजोर कहानी और एक्टिंग को देखते हुए फिल्म को कामयाबी की किसी पायदान पर चढ़ने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी. फिल्म का म्यूजिक भी कुछ खास नहीं है. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कहानी है और वह भी उसकी बहन की और श्रद्धा कपूर इस रोल को निभा रही हैं, बस फिल्म को लेकर जिज्ञासा जगाने वाली यही बात है. श्रद्धा या अपूर्वा के फैन्स के अलावा अन्य दर्शकों को फिल्म देखने के बाद लग सकता है कि उनकी जेब डाका पर पड़ गया है.
VIDEO: 'हसीना पारकर' की टीम से विशेष बातचीत
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
डायरेक्टरः अपूर्वा लाखिया
कलाकारः श्रद्धा कपूर, सिद्धांत कपूर और अंकुर भाटिया
हसीना पारकर के डायरेक्टर अपूर्वा लाखिया ने 2003 में फिल्में बनानी शुरू की थीं लेकिन अभी तक वे सिर्फ एक ही हिट फिल्म दे सके हैं और वह ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’. ‘हसीना पारकर’ अपूर्वा की सातवीं फिल्म है, और यह फिल्म भी बुरी तरह से निराश करती है. फिल्म की स्टारकास्ट से लेकर कहानी तक सब में लोचा है. न तो ‘आपा’ ही कोई छाप छोड़ पाती है और न ही ‘भाई’ ही उतना दमदार लगा है. गैंगस्टर ड्रामा बनाते समय हमेशा कैरेक्टराइजेशन का ध्यान रखा जाता है लेकिन इस मामले में अपूर्वा पूरी तरह चूक गए हैं. फ़िल्म में कोई भी कनेक्शन पॉइंट नहीं मिलता और बायोपिक वाली इंटेंसिटी भी इसमें मिसिंग है.
यह भी पढ़ें: ‘दाऊद इब्राहिम’ बोला, मैं नहीं जानता था कौन है हसीना पारकर
कितनी दमदार कहानी
हसीना पारकर दाऊद इब्राहिम की छोटी बहन है और दिखाया गया है कि उसे अपने भाई की वजह से कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ता है. फिल्म प्रेजेंट और फ्लैशबैक के बीच में झूलती है. फिल्म में बम धमाकों, हिंदू मुस्लिम दंगों और दाऊद के दुबई जाने के जरिये हसीना की जिंदगी को दिखाने की कोशिश है. हसीना श्रद्धा कपूर सीधी-सादी जिंदगी जीती है, अपने पति अंकुर के साथ. लेकिन दाऊद की वजह से उसकी जिंदगी ही बदल जाती है. अंडरवर्ल्ड डॉन भाई की बहन की कहानी के नजरिये से देखिए तो यह एक अच्छी कोशिश थी लेकिन खराब ट्रीटमेंट की वजह से फिल्म का बाजा बज जाता है. न तो स्टोरी में मजा आता है न ही फिल्म का फ्लो ही कोई असर डाल पाता है.
यह भी पढ़ें: श्रद्धा कपूर की फिल्म 'हसीना पारकर' की फंडिंग की होगी जांच
यह भी पढ़ें: जब ‘दाऊद इब्राहिम’ को पड़ी मार तो ‘हसीना पारकर’ के निकल आए आंसू
एक्टिंग के रिंग में
'डैडी' और 'हसीना पारकर' में दाऊद नजर आ चुका है और दोनों ही फिल्मों के दाऊद ने निराश किया है. 'डैडी' में फरहान अख्तर दाऊद के किरदार में बहुत खराब लगे थे और हसीना पारकर में सिद्धांत कपूर भी निराश करते हैं. अगर फिल्म भाई-बहन पर है तो क्या जरूरी है कि असल जिंदगी के भाई बहन को ही ऑनस्क्रीन भाई बहन बना दिया जाए. सिद्धांत बिल्कुल भी नहीं जमे हैं. हसीना आपा के रोल में श्रद्धा ने बहुत कोशिश की लेकिन वे वैसा नहीं कर पाई जैसा उन्हें करना चाहिए था. हसीना के रोल तक तो वे ठीक थीं लेकिन आपा का रोल उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका. उनका गैटअप, बोलने का अंदाज और फूला हुआ फेस काफी तंग करता है. ये फिल्म श्रद्धा के कंधों पर थी, इस लिहाज से उनके किरदार को और मजबूत बनाया जाना चाहिए था. अंकुर भाटिया ठीक हैं.
यह भी पढ़ें: श्रद्धा कपूर की ‘हसीना पारकर’ को हिट होना ही पड़ेगा नहीं तो....
बातें और भी हैं
‘हसीना पारकर’ का बजट लगभग 30-35 करोड़ बताया जाता है. इस तरह कमजोर कहानी और एक्टिंग को देखते हुए फिल्म को कामयाबी की किसी पायदान पर चढ़ने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी. फिल्म का म्यूजिक भी कुछ खास नहीं है. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कहानी है और वह भी उसकी बहन की और श्रद्धा कपूर इस रोल को निभा रही हैं, बस फिल्म को लेकर जिज्ञासा जगाने वाली यही बात है. श्रद्धा या अपूर्वा के फैन्स के अलावा अन्य दर्शकों को फिल्म देखने के बाद लग सकता है कि उनकी जेब डाका पर पड़ गया है.
VIDEO: 'हसीना पारकर' की टीम से विशेष बातचीत
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं