अलवर में स्कूल के लिए भवन तक उपलब्ध नहीं, एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे

राजस्थान के अलवर में स्कूलों के लिए भवन उपलब्ध नहीं है. जिस वजह से छात्र-छात्राएं एक ही कमरे में पढ़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. वहीं शिक्षकों को भी बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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अलवर:

राजस्थान सरकार एक तरफ स्कूलों को अपग्रेड कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ उनके पास स्कूलों के लिए भवन तक उपलब्ध नहीं है. ऐसा ही एक ममला सामने आया है अलवर से, जहां जिले के खेड़ली कस्बे में राजस्थान सरकार ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल स्वीकृत किया है जो कि साल 2022 में राजकीय सीनियर विद्यालय में अस्थायी तौर पर शुरू किया गया.


इस महात्मा गांधी इंग्लिश मिडियम स्कूल का भवन दूसरी जगह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नं 1 में है, जिसमें वर्तमान में उप तहसील, कृषि विभाग, लोक अभियोजक कार्यालय, इंदिरा रसोई संचालित हो रही है. ये सभी इस बंद पड़े स्कूल में जिला कलेक्टर के आदेश पर अस्थायी तौर पर खोले गए थे, लेकिन अब इस स्कूल भवन मे इंग्लिश मीडियम स्कूल का बोर्ड लग चुका है. यहां स्कूल का संचालन होना है लेकिन अभी तक कोई आदेश नहीं आने की वजह से इन कार्यालयों को दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं किया गया है.


प्रिंसिपल ने बताया कि स्वयं का स्कूल भवन होने के बावजूद महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्र-छात्राएं सिनियर स्कूल के भवन में एक कमरे में कक्षा 1 से छठी तक में अस्थायी तौर पर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. एक ही कमरे में बच्चों को पढ़ाने में परेशानी हो रही है. इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी जानकारी दे दी गई है. इसके अलावा बच्चों के पोषण आहार में भी दिक्कत आ रही है.

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