- राजस्थान में सरकार कनेक्टिविटी के लिए एयर स्ट्रिप की संख्या बढ़ा रही है.
- यूनेस्को के संरक्षित धरोहरों की सूची में शामिल कराने के लिए 600 से अधिक हवेलियों की पहचान की गई.
- राजस्थान में धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधा सरकार बढ़ा रही है.
NDTV Rising Rajasthan Conclave: शेखावाटी के मंडावा में बुधवार को NDTV राजस्थान कॉन्क्लेव में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने प्रदेश की विरासत के संरक्षण से लेकर उसके भविष्य के बारे में बात की है. डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार राजस्थान की हवेलियों के संरक्षण को लेकर संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को से संपर्क करने की तैयारी कर रही है. हमने अभी 600 से ज़्यादा हवेलियों की पहचान की है. इनको यूनेस्को के संरक्षित धरोहरों की सूची में शामिल करने के लिए सरकार आवेदन करेगी.
हम लोग प्राइवेट प्लयेर्स के साथ मिल कर राजस्थान में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए राज्य में एयर स्ट्रिप की संख्या बढ़ा रहे हैं.
डिप्टी सीएम ने कहा कि हम जर्जर हवेलियों को सही कर रहे हैं. हवेलियों के संरक्षण में सरकार की भूमिका बहुत सीमित हो जाती है क्योंकि इनमें से कई निजी हवेलियां हैं.
हवेलियों को बेचने पर कोई रोक नहीं है और सरकार ऐसा नहीं करवा सकती. लेकिन उनके मूल स्वरूप को बिगाड़ा नहीं जाना चाहिए, और इसलिए सरकार का ये प्रयास है कि इन हवेलियों का असल स्वरूप बरकरार रहे.
पहली बार शेखावाटी की हवेलियों के बारे में कोई इतने सीरियस तरीके से काम कर रहा है. यह हमारी सरकार ने किया है. हम इसका सर्वे करवा रहे हैं. सरकार के सभी विभाग मिल कर काम कर रहे हैं.
सरकार यह प्रयास भी कर रही है कि अगर संभव हो तो इन हवेलियों का होम स्टे, पर्यटन, संग्रहालय या कला-संस्कृति के लिए इस्तेमाल किया जाए ताकि उनका बेहतर रखरखाव हो सके.
राजस्थान में पिछले साल आए कुल 23 करोड़ पर्यटकों में सबसे ज्यादा धार्मिक टूरिस्ट थे. हम हमारे धार्मिक स्थलों पर सुविधाएं बढ़ा रहे हैं.
हमारे यहां फिल्म टूरिज्म भी होता है. हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं कि ग्लोबल कांफ्रेंसेस भी राजस्थान में हो. अभी जयपुर में आईफा अवार्ड हुए थे. राजस्थान में OTT की सीरीज़ शूट हो रही हैं. हम फिल्म टूरिज़्म के लिए पॉलिसी ला रहे हैं.
दिया कुमारी ने कहा कि मुझे पर्टयन में व्यक्तिगत रुचि है. हम इसका प्रयास कर रहे हैं कि कैसे हम हम हमारी विरासत को बचा सकते हैं.
अभी राजस्थान में ऐसी 9 इमारतें हैं जो यूनेस्को की संरक्षित इमारतों की सूची में शामिल हैं, और देश में सबसे ज़्यादा यूनेस्को संरक्षित इमारतें राजस्थान में ही हैं.
हमने अभी 600 से ज़्यादा हवेलियों की पहचान की है, जिनको यूनेस्को के संरक्षित धरोहरों की सूची में शामिल करने के लिए सरकार आवेदन करेगी.
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