बस में बैठ गया हूं...दिवाली का इंतजार और वो आखिरी फोन कॉल, जिंदा जल गए जितेश, उजड़ गया परिवार

Jaisalmer-Jodhpur Bus Accident fire: मंगलवार को राजस्थान के जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक एसी स्लीपर बस में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई. इस हृदय विदारक हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई

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  • राजस्थान के जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई थी
  • इस हादसे में कम से कम बीस लोगों की मौत हो गई और पंद्रह यात्री गंभीर रूप से झुलस गए थे
  • जितेश चौहान, जो रामगढ़ पावर प्लांट में काम करते थे, इस बस हादसे में मृत पाए गए थे
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जोधपुर:

जितेश चौहान, रामगढ़ पावर प्लांट में काम करने वाला वो शख्स, जिसकी आंखों में इस दिवाली परिवार से मिलने की चमक थी. जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस में बैठकर वो अपने घर, अपनी पत्नी और बच्चों के पास पहुंचने का सपना देख रहा था. उसे क्या पता था कि जिस सफर का इंतज़ार था, वो ज़िंदगी का आखिरी सफ़र बन जाएगा.

"बस में बैठ गया हूं..." वो आखिरी शब्द

बस में सवार होने से ठीक पहले, जितेश ने अपनी पत्नी को फोन किया. यह एक साधारण, रोज़मर्रा की बातचीत थी, जिसमें दिवाली की तैयारियों और घर पहुंचने की खुशी का जिक्र था. पत्नी के लिए यह महज एक पति का फोन था, लेकिन आज उन्हें पता है कि वो आवाज उन्हें अब कभी सुनाई नहीं देगी.

टीवी पर खबर और दिल में दहशत

जब पत्नी ने टीवी पर जैसलमेर-जोधपुर रूट पर बस में लगी भीषण आग की खबर देखी, तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. एक अनहोनी की आशंका ने दिल को जकड़ लिया. उन्होंने बार-बार जितेश को फोन मिलाया, लेकिन अब उधर से कोई जवाब नहीं आया. वो रिंग जाती रही, और इधर उम्मीद टूटती रही.

अस्पताल की दौड़ और खाली हाथ लौटना

पुलिस से सूचना मिलने के बाद, परिवार सदमे में जोधपुर के अस्पताल पहुंचा. हर घायल को देखकर सिर्फ जितेश को ढूंढने की ललक थी, लेकिन वो कहीं नहीं मिले. जब पता चला कि हादसे में 20 लोग मारे गए हैं और शव बुरी तरह जल चुके हैं, तो अस्पताल के गलियारे में उनकी चीखें गूंज उठीं.

अब पहचान के लिए DNA का सहारा

जितेश चौहान के बड़े भाई गजेश चौहान ने भारी मन से बताया कि अब उनके शव की पहचान भी केवल डीएनए जांच के माध्यम से ही संभव है. परिवार की आशा, उनका सहारा, आज एक त्रासदी का शिकार हो गया.

एक पिता, एक पति और एक बेटे का शरीर अब लैब रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. दिवाली की खुशियां मातम में बदल चुकी हैं. जितेश की यादें अब उस आखिरी फोन कॉल में कैद हो गई हैं, जो उनकी पत्नी अब कभी नहीं भूल पाएंगी. यह अग्निकांड सिर्फ 20 जिंदगियों को नहीं ले गया, बल्कि पीछे छोड़ गया है अनगिनत सपने और कभी न भरने वाला शून्य.

क्या हुआ था?

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मंगलवार को राजस्थान के जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक एसी स्लीपर बस में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई. इस हृदय विदारक हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 यात्री बुरी तरह झुलस गए. जिनका इलाज जोधपुर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मृतकों के शव इस कदर जल चुके हैं कि अब उनकी पहचान केवल डीएनए जांच के जरिए ही संभव हो पाएगी

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