पुलिसवालों ने खाना बनाने वाली महिला की बेटी की शादी में क्यों दिया ₹6.21 लाख का 'भात'?

जयपुर के कालवाड़ पुलिस थाने के स्टाफ ने इंसानियत, करुणा और रिश्तों की डोर निभाकर एक अनोखी मिसाल पेश की है. कालवाड़ थाने में पिछले 10 सालों से पुलिस स्टाफ के लिए भोजन बनाने वाली महिला कुक हिम्मत कंवर की बेटी गामिनी कंवर की शादी में, पूरा थाना परिवार उनके सगे-संबंधियों की तरह शामिल हुआ और मामा-नाना का फर्ज निभाया.  

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  • जयपुर के पुलिस थाने के स्टाफ ने कुक हिम्मत कंवर की बेटी गामिनी कंवर की शादी में मामा-नाना बनकर हिस्सा लिया
  • पुलिस परिवार ने मिलकर ₹6.21 लाख का भात भरा जिसमें नकद राशि, जेवर और गृहस्थी के जरूरी सामान शामिल थे
  • SHO नवरत्न धोलिया के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने ढोल-नगाड़ों के साथ विवाह स्थल पर पैदल मार्च किया
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जयपुर के कालवाड़ पुलिस थाने के स्टाफ ने इंसानियत, करुणा और रिश्तों की डोर निभाकर एक अनोखी मिसाल पेश की है. कालवाड़ थाने में पिछले 10 सालों से पुलिस स्टाफ के लिए भोजन बनाने वाली महिला कुक हिम्मत कंवर की बेटी गामिनी कंवर की शादी में, पूरा थाना परिवार उनके सगे-संबंधियों की तरह शामिल हुआ और मामा-नाना का फर्ज निभाया.  

पुलिस परिवार ने भरा ₹6.21 लाख का 'भात'

हिम्मत कंवर के पति के निधन के बाद पुलिस स्टाफ ने उन्हें एक परिवार की तरह सहारा दिया. उनकी बेटी गामिनी कंवर की शादी में, SHO नवरत्न धोलिया के नेतृत्व में, पूरा स्टाफ उनके मामा और नाना बनकर मालीवाड़ा गांव पहुंचा. थाने के पुलिसकर्मियों ने मिलकर कुल ₹6.21 लाख का 'भात' (मामा पक्ष की ओर से दिया जाने वाला उपहार) भरा, जिसमें शामिल थे ₹4.21 लाख नकद राशि, ₹2 लाख के जेवर (गहने). गृहस्थी का जरूरी सामान जैसे बर्तन, बेड और अन्य उपयोगी वस्तुएं.

ढोल-नगाड़ों के साथ निकला पुलिस परिवार

पुलिसकर्मियों ने इस नेक काम को केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रखा. ढोल-नगाड़ों के साथ थाने से पैदल चलकर पूरा पुलिस परिवार विवाह स्थल पर पहुंचा. वहां पहुंचकर, उन्होंने दुल्हन गामिनी कंवर को चुनरी ओढ़ाई और तिलक लगाकर मामा और नाना की सभी रस्में और जिम्मेदारियां निभाईं. SHO नवरत्न धोलिया नाना बनकर पहुंचे, जबकि सभी पुलिसकर्मियों ने मामा बनकर अपनी ड्यूटी निभाई. 

सोशल मीडिया से जुटाई गई सहायता राशि

इंसानियत की इस अनोखी कहानी को सफल बनाने के लिए पुलिस स्टाफ ने एक मानवीय पहल शुरू की. सोशल मीडिया के माध्यम से यह मुहिम चलाई गई, जिसके जरिए यह सहायता राशि जुटाई गई. 

इस मौके पर हिम्मत कंवर की आंखों में आभार के आंसू छलक आए. उन्होंने भावुक होकर कहा, "पति के निधन के बाद पुलिस ने परिवार बनकर मेरा साथ दिया है. पुलिसकर्मियों ने जो किया है, उसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी."

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