अचानक कैसे भड़की जयपुर के चौमूं में हिंसा? मस्जिद के बाहर क्यों हुआ पत्थर वाला विवाद? जानें बवाल की पूरी कहानी

जयपुर के चौमूं में ट्रैफिक सुधार के लिए मस्जिद के बाहर से पत्थर हटाने के बाद तनाव पैदा हो गया. आज तड़के 3 बजे रेलिंग लगाने को लेकर हुए विवाद में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें आधा दर्जन जवान घायल हो गए.

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  • जयपुर के चौमूं बस स्टैंड क्षेत्र में मस्जिद के पास पत्थर हटाने को लेकर विवाद के बाद हिंसा हुई.
  • प्रशासन और मुस्लिम समुदाय ने पत्थर हटाने पर सहमति बनाकर शांतिपूर्वक कार्य पूरा किया था.
  • शुक्रवार तड़के रेलिंग लगाने पर असामाजिक तत्वों ने विरोध किया, जिससे विवाद हिंसक रूप ले गया.
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राजस्थान की राजधानी जयपुर के चौमूं कस्बे में शुक्रवार तड़के बस स्टैंड इलाके में अचानक तनाव फैल गया. मस्जिद के पास सड़क किनारे पड़े पत्थरों को हटाने और वहां रेलिंग लगाने को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मामला हिंसा में बदल गया.

विवाद की जड़ क्या थी?

बस स्टैंड क्षेत्र में मस्जिद के पास करीब 45 सालों से सड़क किनारे पत्थर पड़े थे, जिससे आए दिन ट्रैफिक जाम लगता था. इसी समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन ने कदम उठाया.

क्या प्रशासन और स्थानीय समुदाय में सहमति बनी थी?

हां. घटना से एक दिन पहले चौमूं थाना पुलिस और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई थी. इसमें आपसी सहमति से पत्थर हटाने का फैसला लिया गया था और समुदाय की मौजूदगी में यह काम शांतिपूर्वक पूरा भी कर लिया गया.

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फिर माहौल अचानक कैसे बिगड़ा?

पत्थर हटाने का काम शांति से पूरा कर लिया गया था. लेकिन शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे, जब खाली की गई जगह पर कुछ लोग रेलिंग लगाने लगे, तभी कुछ असामाजिक तत्वों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. देखते ही देखते बहस बढ़ी और हालात हिंसक हो गए.

हिंसा के दौरान क्या हुआ?

बस स्टैंड इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई और पुलिस को निशाना बनाकर पथराव किया गया. पत्थरबाजी में करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए.

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पुलिस ने हालात काबू में कैसे किए?

स्थिति बिगड़ते देख पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इसके बाद भीड़ तितर-बितर हुई और इलाके में शांति बहाल की गई.

फिलहाल इलाके में स्थिति कैसी है?

घटना के बाद पूरा बस स्टैंड इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. भारी पुलिस बल तैनात है, वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नजर बनाए हुए हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी की जा रही है.

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अफवाहों को लेकर प्रशासन का क्या कहना है?

चौमूं थानाधिकारी प्रदीप शर्मा ने साफ कहा है कि केवल सड़क पर पड़े पत्थर हटाए गए थे. उन्होंने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.

आगे क्या कार्रवाई की जाएगी?

पुलिस सीसीटीवी और वीडियो फुटेज खंगाल रही है. शांति भंग करने और सरकारी काम में बाधा डालने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

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अब जमकर हो रही सियासत 

चौमूं हिंसा मामले में अब सियासत भी तेज हो गई है. भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयान सामने आए हैं. चौमूं से भाजपा नेता रामलाल शर्मा ने कहा है कि पुलिस ने ट्रैफ़िक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि मामले में 40 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. रामलाल शर्मा का कहना है कि किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.

कांग्रेस ने प्रशासन पर उठाए सवाल

वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. डोटासरा ने कहा कि यह पूरी तरह पुलिस प्रशासन की विफलता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में सहमति केवल सड़क किनारे पड़े पत्थरों को हटाने की थी, लेकिन पुलिस की मंशा मस्जिद हटाने की थी. इसी गलत मंशा के कारण पूरा विवाद भड़का.

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डोटासरा ने यह भी कहा कि संबंधित मस्जिद को लेकर पहले से ही कोर्ट का स्टे है, इसके बावजूद पुलिस की कार्रवाई ने हालात बिगाड़ दिए. उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.