राजस्थान : भीलवाड़ा में बंदरों के आतंक से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर

बीते 3 दिन में बंदरों ने 50 से अधिक लोगों को घायल कर कर दिया. करीब 2 दर्जन लोगों का जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर
भीलवाड़ा:

भीलवाड़ा के पुराने शहर में बीते 1 सप्ताह से आतंक का पर्याय बने उत्पाती बंदरों से आमजन में दहशत का माहौल है. बंदरों के आतंक से परेशान लोगों को जल्द ही राहत मिलेगी. शहर में बंदरों को पकड़ने का काम प्रशासन ने वन विभाग में नगर परिषद की टीम के सहारे शुरू किया है. बंदरों के आतंक से परेशान लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कल कलेक्टर आशीष मोदी के सामने जमकर नाराजगी जताई.

इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और उत्पाती बंदरों को पकड़ने का अभियान शनिवार से शुरू किया गया. गौरतलब है कि बीते 3 दिन में बंदरों ने 50 से अधिक लोगों को घायल कर कर दिया. करीब 2 दर्जन लोगों का जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है. बंदरों के आतंक से नाराज पुराने शहर के लोगों ने जनप्रतिनिधियों के साथ में शुक्रवार को कलेक्टर आशीष मोदी के सामने नाराजगी जताई. इसके बाद आनन-फानन में उत्पाती बंदरों को पकड़ने का अभियान की शुरुआत हुई.

शनिवार सुबह बंदरों को पकड़ने के लिए जयपुर से एनजीओ को बुलाया गया. शनिवार सुबह पुराने शहर के प्रेम नगर क्षेत्र में उत्पाती बंदरों को देखने की सूचना मिलने के साथ ही बंदरों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया . बंदर पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे में सुबह 11 बजे तक 20 से अधिक बंदर पकड़े जा चुके हैं. बंदर पकड़ने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही आम लोगों ने राहत की सांस ली है.

नगर परिषद आयुक्त हेमाराम का कहना है पिछले कुछ दिनों से पुराने शहर में उत्पाती बंदरों का आतंक हो रहा था. आज बंदर पकड़ने के लिए एक्सपर्ट लोगों की टीम को बुलाया गया. जयपुर से आई टीम ने काम शुरू किया है. 15-20 के आसपास बंदर पकड़े जा चुके हैं. एक-दो दिन में सभी उत्पाती बंदरों को पकड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें : भारत से ही कर सकेंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, धारचूला में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

ये भी पढ़ें : महाराष्ट्र में बस के अंदर जिंदा जलने से 25 लोगों की दर्दनाक मौत, जानिए इस हादसे की वजह

Advertisement
Featured Video Of The Day
Pakistan से बड़ा बदला लेगा Taliban! पाकिस्तान को अब एक भी गलती पड़ेगी बहुत भारी| Afghanistan | Taliban
Topics mentioned in this article