बूंदी : नाबालिग से दुष्कर्म के जुर्म में दो दोषियों को 20 साल की सजा

पोक्सो कोर्ट क्रम संख्या दो के विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने बताया कि 9 सितंबर 2022 को डाबी थाना क्षेत्र में एक पिता ने मामला दर्ज करवाते हुए बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी तेजाजी महाराज के मेले में परिवार के साथ घूमने गई थी. तभी अचानक से आरोपी राम देवा कालबेलिया आया और बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया.

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राजस्थान के बूंदी में पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 62 हजार के आर्थिक दंड से दंडित किया है. आरोपी ने नाबालिग को मेले से बहला-फुसलाकर अपहरण कर दुष्कर्म किया था. आज आरोपी को बूंदी पोस्ट को कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाह दस्तावेजों को मद्देनजर रखते हुए आरोपी को सजा सुनाई है.

पोक्सो कोर्ट क्रम संख्या दो के विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने बताया कि 9 सितंबर 2022 को डाबी थाना क्षेत्र में एक पिता ने मामला दर्ज करवाते हुए बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी तेजाजी महाराज के मेले में परिवार के साथ घूमने गई थी. तभी अचानक से आरोपी राम देवा कालबेलिया आया और बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया. जिस पर डाबी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की. आरोपी की निशानदेही लोकेशन के आधार पर पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया और नाबालिग पीड़िता को सवाई माधोपुर से दस्तयाब किया और आरोपी राम देवा कालबेलिया को भी गिरफ्तार कर डाबी थाना लेकर आई। जहां आरोपी ने अपहरण कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.

बारी बारी से किया नाबालिग से दुष्कर्म

नाबालिग ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि आरोपी ने मेले में चॉकलेट देने के बहाने अपने पास बुलाया और अपहरण कर सवाई माधोपुर ले गया. जहां एक सुनसान जगह पर बारी-बारी से दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. पीड़िता चिल्लाती रही लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की. पीड़िता ने बताया कि आरोपी गांव का रहने वाला था और उसने चॉकलेट के बहाने बुलाया और घटना को अंजाम दिया.

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13 गवाह 22 दस्तावेजों को किया कोर्ट में पेश 

विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने बताया कि आरोपी को डाबी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तार करने के बाद मामला लगातार अंडर ट्रायल चल रहा था। आज मामले में अंतिम बहस थी. जहां न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र सुनवाई करते हुए अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए 13 गवाह और 22 दस्तावेज प्रदर्शित करें और कड़ी सजा की मांग की. जिस पर पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए आर्थिक दंड से दंडित किया है. साथ ही पीड़ित के भरण-पोषण के लिए पीड़ित प्रतिकर योजना के लिए आग्रह किया है.

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