पर्यावरण को लेकर अलवर के आरआर कॉलेज की ओर से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई. जिसमें देश विदेश के अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण विद भाग ले रहे हैं . इसमें कीटनाशक रासायनिक और अवैध खनन को लेकर बताया गया है कि पर्यावरण हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है और सबसे बड़ी आवश्यकता इस बात की है कि पर्यावरण को किस तरीके से बचाया जाए. हमारे जो प्राकृतिक जल स्रोत हैं उनका इस तरीके से उन्हें पुनर्जीवित किया जाए .इस पर विस्तृत चर्चा की गई.
महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी बीकानेर के पर्यावरण विभागाध्यक्ष प्राे. अनिल छंगानी ने इस अवसर पर कहा कि हमारे जो बुजुर्ग थे वह पर्यावरण को सुरक्षित कर रखते थे. भले देव भूमि के नाम पर व चारागाह के नाम पर हो यानी किसी नाम पर हो वह पूरी तरीके से सुरक्षित करके रखे थे. पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए चाहे किसी भी तरह का वन्यजीव और तितलियों ,मधुमक्खियों यह हमारे पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है . इनका संरक्षण इसीलिए किया जाता है जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहे. लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है वैसे वैसे मानव का दखल बढ़ता जा रहा था.
वह अवैध खनन हो या अतिक्रमण हो या नदी नालों पर अतिक्रमण हो यह सब हमारे प्राकृतिक जल संसाधनों को बर्बाद कर रहा है. इससे पर्यावरण का ह्रास हो रहा है. सोलर ऊर्जा के नाम पर हम जिस तरीके से हमने हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए हैं यह हमारे लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह है. ग्रीन एनर्जी के नाम पर जो हम नए दिशा में बढ़ रहे हैं वह हमारे लिए खतरनाक हैं.
इस.अवर प्राचार्य डाॅ. हुकम सिंह ने अपने वक्तव्य में सतत विकास के लक्ष्य द्वारा भविष्य की पीढ़ियाें के लिए प्राकृतिक संपदा काे संरक्षित करते हुए पर्यावरण संरक्षण की बात कही और काेराेना काल का जिक्र करते हुए कहा कि प्राणवायु की भयावहता के लिए काेई और नहीं मानव खुद जिम्मेदार है.