Punjab: नवजोत सिंह सिद्धू का 'स्‍ट्रेट ड्राइव' , तीन ट्वीट करके CM अमरिंदर सिंह की फिर बढ़ाई 'परेशानी'

सिद्धू को पंजाब राज्‍य कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाए जाने के बाद उम्‍मीद की जा रही थी कि दोनों कद्दावर नेताओं के बीच बयानबाजी पर विराम लग जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है.

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Navjot Singh Sidhu ने गन्‍ना किसानों के मुद्दे पर तीन ट्वीट किए हैं
नई दिल्‍ली:

Punjab: पंजाब (Punjab) में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly polls 2022) होने हैं लेकिन सीएम, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और राज्‍य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)के बीच मतभेद खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहे. सिद्धू को पंजाब राज्‍य कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाए जाने के बाद उम्‍मीद की जा रही थी कि दोनों कद्दावर नेताओं के बीच बयानबाजी पर विराम (कम से कम विधानसभा चुनाव तक ) लग जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. सिद्धू अभी भी परोक्ष रूप से 'कैप्‍टन' पर वार करने से नहीं चूक रहे. नवजोत के सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग (Malwinder Singh Mali and Pyare Lal Garg) के बयानों के कारण उठा विवाद अभी थम भी नहीं पाया है कि सिद्धू के ट्वीट दाग दिए. इन ट्वीट्स से पंजाब कांग्रेस में चल रहा विवाद और बढ़ने की आशंका है और इसका असर विधानसभा चुनावों में पार्टी को उठाना पड़ सकता है.

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पंजाब कांग्रेस के 'वाचाल' मुखिया नवजोत सिद्धू ने गन्‍ने की स्‍टेट अशोयर्ड प्राइज (SAP)को लेकर ट्वीट किए. उन्‍होंने लिखा, 'गन्‍ना किसानों के मुद्दे को सौहाद्रपूर्ण ढंग से तत्‍काल हल किए जाने की जरूरत है. यह अजीब है कि पंजाब में खेती की लागत ज्‍यादा होने के बाद भी SAP हरियाणा-यूपी-उत्‍तराखंड की तुलना में कम है. कृषि के प्रथप्रदर्शके रूप में पंजाब में SAP बेहतर होनी चाहिए. '

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गन्‍ना किसानों के मुद्दे पर सिद्धू ने दो और ट्वीट किए. उन्‍होंने लिखा-गन्‍ना किसानों के लिए SAP वर्ष 2018 के बाद से नहीं बढ़ा है जबकि इनपुट लागत में 30 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है. पंजाब मॉडल के मायने हैं उचित मूल्‍य के लिए नीतिगत हस्‍तक्षेप, मुनाफे में समान हिस्‍सेदारी, उत्‍पादन में विविधीकरण और किसानों और गन्‍न्‍ना मिल दोनों के लिए अधिक लाभ. एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, 'किसानों की मांग के अनुरूप SAP तत्‍काल प्रभाव से बढ़ाई जानी चाहिए और बकाया जारी किया जाना चाहिए.' हालांकि नवजोत के ट्वीट्स में बात गन्‍ना किसानों को लेकर ही की गई है लेकिन राजनीतिक विश्‍लेषक और लोग इसके अलग मायने लगा रहे हैं.

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गौरतलब है कि इससे पहले सिद्धू के दो सलाहकार अपनी टिप्‍पणियों से कांग्रेस पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर चुके हैं और सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह इसे लेकर तीखी नाराजगी का इजहार कर चुके हैं. नवजोत के एक सलाहकार मालविंदर सिंह माली माली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, "दोनों भारत और पाकिस्तान कश्मीर पर अवैध कब्जेदार हैं. कश्मीर सिर्फ कश्मीरियों का है. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के सिद्धांतों के खिलाफ, भारत और पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरीके से कश्मीर को हड़प लिया. अगर कश्मीर भारत का हिस्सा था, तो अनुच्छेद 370 और 35ए की जरूरत ही क्यों पड़ी?. राजा हरि सिंह के साथ विशेष प्रावधान क्या था? लोगों को बताइए कि समझौते की शर्तें क्या थीं" एक अन्य पोस्ट में उन्होंने तालिबान के बारे में लिखा था, "अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वो सिख और हिन्दुओं की हिफाजत करें. देश के हालात सुधारने के लिए तालिबान अब शासन करेंगे, जो पहले जैसा नहीं होगा." सिद्धू के दूसरे सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने पाकिस्तान की आलोचना को लेकर अमरिंदर सिंह पर सवाल उठाए थे.

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