पंजाब सरकार की बड़ी पहल, बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री भेजने के लिए उतारे ड्रोन

सबसे बड़ी और असरदार पहल रही है ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने की. अमृतसर, अजनाला, फाजिल्का, गुरदासपुर और पठानकोट जैसे डूबे हुए इलाकों में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर ड्रोन के ज़रिए मदद पहुंचाने का काम किया है. इन ड्रोन के जरिए उन गांवों में भी सामान पहुंचाया गया, जहां नावें भी नहीं जा सकती थीं.

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  • पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने ड्रोन से राहत सामग्री पहुंचानी शुरू की
  • कई प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए सूखा राशन, दवाइयां और पानी वितरण किया जा रहा है
  • मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं
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चंडीगढ़:

पंजाब में बाढ़ के हालात से जूझ रहे लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए मान सरकार ने अब ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचानी शुरू कर दी है. जिन गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है, वहां ड्रोन के जरिए सूखा राशन, दवाइयां, पीने का पानी, बच्चों के लिए दूध और जरूरी सामान छतों तक पहुंचाया जा रहा है. अमृतसर, गुरदासपुर, अजनाला, फाजिल्का और पठानकोट जैसे इलाकों में ड्रोन राहत सेवा लगातार सक्रिय है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और हर जरूरतमंद तक समय पर मदद पहुंचाने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है. यह तकनीक आधारित राहत अभियान न सिर्फ तेज है, बल्कि उन सैकड़ों लोगों के लिए उम्मीद बन गया है जो कई दिनों से फंसे हुए थे.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार जिस तरह से बाढ़ राहत कार्यों को अंजाम दे रही है, वह एक मिसाल बन चुका है. सरकार सिर्फ बैठकर निर्देश नहीं दे रही, बल्कि जमीनी हालात को खुद समझ रही है और हर जिले के प्रशासन को सक्रिय रूप से मदद पहुंचा रही है. यही वजह है कि राज्य के अधिकतर प्रभावित इलाकों में राहत कार्य समय पर और योजनाबद्ध तरीके से हो रहे हैं.

सबसे बड़ी और असरदार पहल रही है ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने की. अमृतसर, अजनाला, फाजिल्का, गुरदासपुर और पठानकोट जैसे डूबे हुए इलाकों में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर ड्रोन के ज़रिए मदद पहुंचाने का काम किया है. इन ड्रोन के जरिए उन गांवों में भी सामान पहुंचाया गया, जहां नावें भी नहीं जा सकती थीं. लोगों तक छतों के रास्ते राशन, पीने का पानी, जरूरी दवाइयां, बच्चों का दूध, बुजुर्गों की दवाएं, महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड और टॉर्च जैसे सामान पहुंचाए गए. कई ड्रोन 10 से 15 किलोमीटर तक उड़कर उन जगहों पर गए, जहां लोग दो-तीन दिन से फंसे हुए थे. ये ड्रोन टीमें पूरी तरह नि:शुल्क सेवा दे रही हैं, जो सरकार की कार्यकुशलता और समाज के सहयोग की मिसाल है.

इन राहत कार्यों में पुलिसकर्मी, अफसर, मेडिकल टीमें, एनडीआरएफ, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग दिन-रात जुटे हैं. फाजिल्का में पुलिसकर्मी खुद कंधे पर बोरे लादकर राशन पहुंचा रहे हैं. गुरदासपुर और पठानकोट में अधिकारी पानी में उतरकर मेडिकल कैंप चला रहे हैं. अजनाला में प्रशासन ट्रैक्टर और नावों से राहत सामग्री बंटवा रहा है.

सबसे अहम बात यह है कि अब तक किसी भी जिले से ऐसी खबर नहीं आई कि वहां सरकार की ओर से मदद नहीं पहुंची. यह सरकार की जवाबदेही और नेतृत्व की गंभीरता को दिखाता है. मुख्यमंत्री खुद स्थिति पर निगरानी कर रहे हैं, मंत्री प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन हर गांव तक राहत पहुंचाने में जुटा है. यह सिर्फ राहत की कहानी नहीं है, बल्कि भरोसे और नए सोच वाले पंजाब की कहानी है. जहां सरकार और जनता एक-दूसरे के साथ खड़े हैं. जहां ज़रूरत पड़ने पर टेक्नोलॉजी भी लोगों की सेवा में लगाई जा रही है.

आज पंजाब की जनता साफ देख रही है कि कौन उनके साथ खड़ा है. जब कई लोग बयानों और राजनीति में उलझे रहे, तब मान सरकार ने चुपचाप काम करके लोगों तक मदद पहुंचाई और वो भी उड़ाकर.

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