- गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर आनंदपुर साहिब सहित 3 स्थानों को पवित्र शहर घोषित किया गया है.
- पंजाब विधानसभा ने यह फैसला किया. पहली बार चंडीगढ़ के बाहर आनंदपुर साहिब में विशेष सत्र का आयोजन हुआ.
- प्रस्ताव के अनुसार, इन स्थानों पर शराब, मांस और तंबाकू उत्पादों की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर आनंदपुर साहिब में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया. इस दौरान पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर रूपनगर जिले के आनंदपुर साहिब, बठिंडा के तलवंडी साबो और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के आसपास के गलियारा इलाके को पवित्र शहर घोषित किया है. प्रस्ताव के अनुसार, इन स्थानों पर शराब, मांस और तंबाकू उत्पादों की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया.
पहली बार पंजाब विधानसभा का सत्र राज्य की राजधानी चंडीगढ़ के बाहर आयोजित किया गया. विशेष सत्र भाई जैता जी मेमोरियल पार्क में आयोजित किया गया, जिसे विधानसभा की बैठक स्थल के रूप में नामित किया गया था. इस सत्र में गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी गई.
आज का दिन पंजाब के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा: केजरीवाल
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सदन की कार्यवाही का एक वीडियो पोस्ट करते हुए एक्स पोस्ट में कहा, "आज का दिन पंजाब के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. नवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर, श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित हुआ, पंजाब में स्थित तीनों तख्तों की महान परंपरा और आस्था को सम्मान देते हुए, श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब (गलियारा सहित), श्री आनंदपुर साहिब और श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो) को ‘पवित्र शहर' घोषित किया गया है."
साथ ही केजरीवाल ने कहा कि यह निर्णय केवल आध्यात्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास और आने वाली पीढ़ियों की आस्था के संरक्षण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
गुरु तेग बहादुर के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान
पंजाब सरकार नौवें सिख गुरु की 350वीं शहादत के मौके पर 23 से 25 नवंबर तक कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है.
इससे पहले, सदन ने गुरु तेग बहादुर के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर पंजाब के लोगों के कल्याण और समृद्धि के लिए काम करने तथा समाज में शांति, सहिष्णुता और सद्भाव को बढ़ावा देने का एक और प्रस्ताव पारित किया.
शिक्षा मंत्री और स्थानीय विधायक हरजोत सिंह बैंस द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, सदन ने सिख गुरु के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की और आदर, भक्ति और विश्वास के साथ उन्हें नमन किया.
सदन ने गुरु तेग बहादुर को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके 350वें शहीदी दिवस को श्रद्धा के साथ मनाकर उनकी स्मृति का सम्मान करने का संकल्प लिया.
रूपनगर जिले का नाम बदलने की भी उठी मांग
नौवें सिख गुरु के सर्वोच्च बलिदान की सराहना करते हुए, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक नछत्तर पाल ने मांग की कि रूपनगर जिले का नाम गुरु तेग बहादुर के नाम पर रखा जाए या इसे बदलकर आनंदपुर साहिब कर दिया जाए.
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी गुरु तेग बहादुर के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए कहा कि यह धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा के सिद्धांतों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का एक मार्मिक प्रमाण है.














