Indian Wrestling Federation President Election: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद का चुनाव 21 दिसंबर को यानी आज होना है और साथ ही नतीजों की घोषणा भी आज ही की जाएगी. चुनावी मैदान में एक महिला सहित दो लोग उतरे हैं. चंदौली के रहने वाले संजय सिंह (Sanjay Singh) चुनाव में उतरे हैं (Wrestling Federation of India). बता दें कि संजय सिंह को बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan) का करीबी बताया जाता है. वहीं, राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण (Commonwealth Games gold medallist Anita Sheoran) भी चुनावी मैदान में उतरीं हैं. शीर्ष पद के अलावा, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव और पांच कार्यकारी सदस्यों के पदों को भरने के लिए आज चुनाव होंगे. दिलचस्प बात यह है कि उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में से एक मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) और पूर्व पहलवान मोहन यादव भी शामिल हैं. आज का चुनाव कुश्ती संघ को बृज भूषण शरण सिंह के 12 साल के शीर्ष पद पर रहने के बाद एक नया अध्यक्ष देगा. कैसरगंज से भाजपा सांसद को उस समय पद से हटना पड़ा था जब देश के दिग्गज महिला पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.
आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट से वादा किया गया था कि बृजभूषण सिंह के परिवार के किसी भी सदस्य या सहयोगी को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यही कारण है कि बृजभूषण के बेटे प्रतीक और दामाद विशाल सिंह दौड़ में नहीं उतरे, लेकिन उनके सहयोगी संजय सिंह चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं. दूसरी ओर, सुश्री श्योराण को उन पहलवानों का समर्थन प्राप्त है जिन्होंने लंबे समय तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था.
संजय सिंह और उनके सहयोगियों ने NDTV से बात करते हुए कहा कि, "उन्हें अधिकांश राज्यों के कुश्ती संघों का समर्थन प्राप्त है और वे जीत के प्रति आश्वस्त हैं. उन्होंने आगे कहा है कि, "कुश्ती बिरादरी जानती है कि खेल की भलाई के लिए किसने काम किया और वोट डालते समय इसे ही ध्यान में रखा जाएगा." इसके अलावा श्री यादव के चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह तथ्य कि एक पहलवान एक राज्य का मुख्यमंत्री बन गया है, एक बड़ा संदेश है. मुझे यकीन है कि वह यहां भी जीतने में सफल रहेंगे."
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बता दें कि डब्ल्यूएफआई चुनाव की प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी लेकिन अदालती मामलों के कारण इसमें देरी होती रही है. इसके चलते अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संस्था ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को खारिज कर दिया जिसके कारण ही चुनाव का रास्ता साफ हो सका था.