- 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने जॉर्जिया में फिडे वीमेंस विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया और ग्रैंडमास्टर बनीं
- दिव्या देशमुख भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर हैं और उन्हें इस जीत के लिए लगभग 43 लाख रुपये इनाम मिले
- दिव्या का जन्म 2 दिसंबर 2005 को महाराष्ट्र में हुआ और उन्होंने पांच साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया
Divya Deshmukh creates history: 19 साल की दिव्या देशमुख ने जॉर्जिया में सोमवार को हमवतन और कहीं अनुभवी कोनेरु हंपी (Divya Deshmukh beats koneru humpy)फिडे वीमेंस विश्व कप का खिताब अपनी झोली में डाल लिया. विश्व चैंपियन बनने के साथ ही दिव्या ने स्वत: ही ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव भी हासिल कर लिया. वह ग्रैंडमास्टर बनने वालीं भारत की सिर्फ चौथी महिला खिलाड़ी हैं. बहरहाल, विश्व चैंपियन के खिताब से जहां दिव्या को इनामी रकम के रूप में करीब 43 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं, उपविजेता कोनेरू हंपी को भारतीय मुद्रा में करीब 30 लाख रुपये मिलेंगे.
इनामी रकम से करीब इतनी हो गई दिव्या देशमुख की नेटवर्थ= (कुल संपत्ति-कुल देनदारी)
विभिन्न स्रोतों के अनुसार इस साल जून के महीने तक दिव्या देशमुख की कुल नेटवर्थ=(कुल संपत्ति-कुल देनदारी) करीब एक से दो करोड़ रुपये के बीच है. और विश्व चैंपियन बनने के बाद अब इसका आंकड़ा करीब ढाई करोड़ रुपये तक जा सकता है. चलिए इतिहास रचने वाली दिव्या के बारे में कुछ अहम बातें जान लीजिए:
कम उम्र में उपलब्धि:
1. दिव्या का जनम 2 दिसंबर, 2005 को महाराष्ट्र में हुआ. उन्होंने 5 साल की उम्र में ही चेस पर हाथ आजमाने शुरू कर दिए थे. उनके पिता का नाम जितेंद्र और माता का नाम नम्रता है.
2. दिव्या की प्रतिभा जल्द ही सामने आई, जब उन्होंने साल 2012 में अंडर-7 आयु वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती
ग्रैंडमास्टर खिताब:
3. दिव्या साल 2021 में भारत की 21वीं वीमेन ग्रैंडमास्टर बनीं
4. साल 2023 में दिव्या ने अंतरराष्ट्रीय मास्टर का खिताब जीता
हालिया खिताब:
-दिव्या ने साल 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व जूनियर गर्ल्स (अंडर-20) चैंपियनशिप जीती
-इसी साल उन्होंने लंदन में विश्व टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप में विश्व की नंबर-1 खिलाड़ी हो वाइफान को मात दी
-कोनेरू हंपी को हराकर पहली बार फिड वीमेंस चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं. जीत के साथ ही स्वत: ग्रैंडमास्टर बन गईं.