Men's 100 Meter Finals: 100 मीटर रेस जीता कौन? जजों का भी दिमाग घूम गया, ओलिंपिक में पहली बार इतना मुश्किल फैसला

Athletics: Lyles wins men's 100m gold in photo-finish, ओलंपिक में कुछ ऐसा हुआ है जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. 100 मीटर रेस में ऐसा रोमांच देखने को मिला है जो शायद ओलंपिक के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ होगा.

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Noah Lyles Paris Olympics 2024: सबसे रोमांचक रेस, जजों के भी उड़े होश

Athletics: Lyles wins: अमेरिकी धावक नोहा लाइल्स ने पेरिस 2024 खेलों (Paris Olympics 2024) में जमैका के किशन थॉम्पसन को मात्र 0.005 सेकंड से हराकर ओलंपिक पुरुषों की 100 मीटर दौड़ का खिताब जीता. लाइल्स ने अंतिम मीटर में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए 9.79 सेकंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकाला. थॉम्पसन ने ओलंपिक में पदार्पण करते हुए अधिकांश समय रेस में बढ़त बनाए रखी थी. लेकिन वे आक्रामक लाइल्स को पीछे नहीं छोड़ पाए, जिन्होंने अपनी विशिष्ट शोमैनशिप और फिनिशिंग स्पीड का शानदार परफॉर्मेंस कर 100 मीटर रेस को 9.79 सेकंड में पूरा कर गोल्ड मेडल जीत लिया.  बता दें कि दोनों एथलीटों ने एक ही आधिकारिक समय दर्ज किया था. लेकिन लाइल्स को आखिर में विजेता घोषित किया गया. प्रतियोगिता काफी कड़ी थी, जिसमें पूर्व विश्व चैंपियन संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्रेड केर्ले ने 9.81 सेकंड में कांस्य पदक जीता, उन्होंने साउथ अफ्रीका के अकानी सिम्बाइन को पोडियम पर मामूली अंतर से हराया.(Noah Lyles is the world's fastest man)

फाइनल में असाधारण प्रदर्शन देखने को मिला, क्योंकि सभी आठ फाइनलिस्ट लाइल्स से 0.12 सेकंड के भीतर रेस पूरी करने में सफता हासिल कर ली थी. यह रेस इटली के मौजूदा ओलंपिक चैंपियन लैमोंट मार्सेल जैकब्स के लिए निराशाजनक साबित हुई, जो पदक जीतने में असफल रहे, और एक अन्य जमैका के उभरते सितारे ओब्लिक सेविले के लिए भी, जो 9.91 सेकंड के सम्मानजनक समय के बावजूद अंतिम स्थान पर रहे. बता दें कि ग्रेट ब्रिटेन के झारनेल ह्यूजेस और लूई हिंचलिफ़ फ़ाइनल में जगह नहीं बना पाए, जिससे प्रतिस्पर्धा में कितनी कड़ी टक्कर थी, इसके बारे में पता चलता है. (Noah Lyles VS. Kishane Thompson)

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नोआ को कैसे मिला गोल्ड मेडल ?
बता दें कि नोहा लाइल्स  ने गोल्ड मेडल जीतकर दुनिया के सबसे तेज धावक का खिताब अपने नाम किया तो वहीं, किशन थॉम्पसन दूसरे नंबर पर रहे. किशन थॉम्पसन को मात्र 0.005 सेकंड पीछे रहने के कारण दूसरे नंबर पर संतुष्ट रहना पड़ा. वहीं, बता दें कि ऐसा लग रहा था कि दोनों धावक एक ही समय में फिनिशिंग लाइन में पहुंचे हैं. लेकिन नोहा लाइल्स को विजेता घोषित किया गया. जजों को फैसला करने में थोड़ा समय भी लगा था. 

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जजों को रिप्ले देखकर लेना पड़ा फैसला
दरअसल, गोल्ड का फैसला करने के लिए रिप्ले का सहारा लेना , क्योंकि एक नजर में दोनों एथलीट एक ही समय में फिनिशिंग लाइन को टच करते हुए नजर आ रहे थे. यही नहीं ऐसा लग रहा था कि पहले किशन थॉम्पसन  का पैर फिनिशिंग लाइन पर टच किया था.  लेकिन जब रिप्ले में देखा गया और समय पर नजर रखी गई तब पता चला किनोआ  उनसे मात्र 0.005 सेकंड आगे हैं जिसके कारण अमेरिकी धावक नोहा लाइल्स को विजेता घोषित किया गया. 

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आखिर क्या कहता है नियम
बता दें कि रेस में फिनिशिंग लाइन को जो भी एथलीट पहले पार करता है उसे विजेता माना जाता है. लेकिन यहां थॉम्पसन फिनिशिंग लाइन को सबसे पहले टच करते हुए नजर आ रहे थे. लेकिन लाइल्स को चैंपियन घोषित किया गया था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नियम यह कहता है कि सिर्फ पांव पार करने से किसी को विजेता घोषित नहीं किया जा सकता है. दरअसल, नियम यह है कि कोई भी धावक को विजेता तभी घोषित किया जाएगा, जब तक धावक का सीना फिनिश लाइन को पार नहीं कर जाता है. ऐसे में इस मामले में  नोआ भाग्यशाली रहे कि उनका सीना यानी धड़ फिनिशिंग लाइन से आगे निकलता हुआ नजर आया था. पेरिस ओलंपिक में 100 मीटर की रेस में ऐसे कंफ्यूजन ने ओंलंपिक के रोमांच को बढ़ा कर रख दिया है. 

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