रमिता जिंदल 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में 145.3 के स्कोर के साथ सातवें स्थान पर रहीं. उन्होंने शुरुआत अच्छी की थी और चौथे स्थान पर आ गई थी लेकिन अंत में वो अपनी लय से भटक गई और सातवें पोजीशन पर लुढ़क गई. इस इवेंट में कोरिया की बान होयोजिन ने स्वर्ण, हुआंग युटिंग (चीन) ने रजत और ऑड्रे गोग्नियात (स्विट्जरलैंड) ने कांस्य हासिल किया.
पेरिस में अपने ओलंपिक सफर की शुरुआत करने वाली 20 वर्षीय रमिता का मानना है कि वो अपनी हार से भविष्य के लिए बहुत कुछ सीख सकती हैं और इससे उन्हें और आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. रमिता ने आईएएनएस को बताया,"मैं इस ओलंपिक अभियान को याद रखूंगी. यह इस खेल में मेरा पहला मौका था. मैंने यहां बहुत कुछ सीखा है और यह मेरे लिए एक बेहतरीन मंच था. यह वह अनुभव था जो मुझे अपने जीवन और खेल में आगे बढ़ने में मदद करेगा. मैंने कुछ शॉट्स में आत्मविश्वास खो दिया, लेकिन अगली बार मैं और अधिक आश्वस्त रहूंगी."
मजबूत शुरुआत के साथ ऐसा लग रहा था कि रमिता मनु भाकर की उपलब्धि को दोहराने पर फोकस कर रही थी. 10.4, 10.1, 10.7 और 10.6 के प्रभावशाली शॉट्स के कारण दूसरी सीरीज तक वो शीर्ष चार में थी, लेकिन दूसरी सीरीज के अपने अंतिम शॉट में उन्होंने अपनी लय खो दी और उनकी स्टैंडिंग में काफी गिरावट आई, और सातवें स्थान पर लुढ़क गई.
रमिता ने इससे पहले 2022 एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जहां उन्होंने टीम स्पर्धाओं में रजत पदक और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था. रमिता उस टीम का भी हिस्सा थीं जिसने 2023 बाकू विश्व चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था.
20 वर्षीय रमिता ने यह भी बताया कि भारत लौटने के बाद उनकी क्या योजनाएं हैं. रमिता ने कहा, "फिलहाल मेरा कोई प्लान नहीं है, लेकिन मैं घर जाऊंगी क्योंकि मुझे घर गए हुए काफी समय हो गया है. मैं काफी समय से अपने परिवार से नहीं मिली हूं. मैं उनके साथ समय बिताऊंगी और फिर अपनी रणनीति तय करूंगी."
रविवार को क्वालिफिकेशन राउंड में पांचवें स्थान पर रहने के बाद रमिता महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में पहुंच गई थी. उन्होंने शॉट की अंतिम सीरीज में टीम की साथी इलावेनिल वलारिवान को पीछे छोड़ते हुए वापसी की और कुल 631.5 अंक हासिल किए, लेकिन फ़ाइनल में अपना प्रदर्शन दोहराने में सफल नहीं रहीं.
यह भी पढ़ें: Paris Olympics 2024: एक खराब निशाना और पदक का टूटा सपना, कैसे एक शॉट से मेडल की रेस से बाहर हुई रमिता जिंदल
यह भी पढ़ें: Paris Olympics 2024: पांच देशों में शरण, छह हजार किमी की कठिन यात्रा, लेकिन पूरा किया इस अफगान जूडाक ने सपना