Paralympics 2024: जो अवनी लेखरा ने किया, वह पहले कोई भारतीय महिला नहीं कर सकी, "रिकॉर्ड" के साथ आई बड़ी उपलब्धि

Avni Lekhra: अवनी लेखरा ने जो किया, वह पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहले कोई भारतीय महिला खिलाड़ी नहीं कर सकी थी

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स्वर्ण पदक जीतने वाली अवनी लेखरा
नई दिल्ली:

Avni Lekhar creates hisotry: पेरिस में चल रहे पैरालंपिक 2024 (Paralympics) खेलों का दूसरा दिन भारत के लिए बड़ी उपलब्धि लेकर आया. वीमेन शूटरों ने भारत के विजयी अभियान की शुरुआत करते हुए दो पदक दिलाएं. महिलाओं की 10 मी. एयर राइफल (एसएच-1 कैटेगिरी) में अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल ने क्रमश: स्वर्ण और कांस्य पदक पर कब्जा किया. स्वर्ण पदक कब्जाते हुए अवनी ने इतिहास रच दिया. यह भारतीय शूटर पैरालंपिक खेलों के इतिहास में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गईं. पहली पार अवनी ने टोक्यो 2020 में स्वर्ण पर कब्जा किया था. 

नए रिकॉर्ड के साथ कब्जाया स्वर्ण

पेरिस में जीते स्वर्ण पर अवनी ने स्टाइल में कब्जा करते हुए इवेंट को हमेशा क लिए यादगार बना दिया. उन्होंने नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए 249.9 प्वाइंट्स के साथ स्वर्ण जीता. इससे पहले टोक्यों में अवनी ने 249.6 का स्कोर किया था. कुल मिलाकर 22 साल की अवनी के लिए यह पैरालंपिक इतिहास में दूसरा स्वर्ण पदक रहा. वैसे खेलों में यह कुल मिलाकर अवनी का तीसरा पदक है. उन्होंने टोक्यों में एसएच-1 में 50 मी. राइफल-3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता था. उनके अलावा पुरुषों में देवेंद्र झझारिया एक और भारतीय हैं, जो दो स्वर्ण पदकों पर कब्जा कर चुके हैं. 

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इस स्कोर के साथ किया था क्वालीफाई 

इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता अवनी ने अ625.8 अंकों के साथ मुख्य राउंड के लिए क्वालीफाई किया था. वह प्रारंभिक राउंड में दूसरे नंबर पर रही थीं. वहीं, मोना 17-महिला क्वालिफिकेशन राउंड में 623.1 अंक हासिल करने के बाद पांचवें स्थान पर रही थीं.बता दें कि एसएच1 श्रेणी: यह उन निशानेबाजों के लिए है जिनके निचले अंगों में अंग विच्छेदन या पैरापलेजिया जैसी समस्याएं हैं, जो बिना किसी कठिनाई के अपनी बंदूक पकड़ सकते हैं और खड़े या बैठे स्थान से गोली चला सकते हैं.

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