Noah Lyles made history: अमेरिकी स्प्रिंटर नोहा लॉयल्स ने पेरिस में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों (Paris Olympcis 2024) में गुजरे रविवार को इतिहास रच दिया. नोहा पिछले बीस सालों में पुरुषों की 100 मी.फर्राटा में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले अमेरिका के पहले एथलीट बन गए. आधुनिक इतिहास में सबसे कम अंतर से रेस जीतने के बाद अब नोहा लॉयल्स की इच्छा है कि उनकी जीत का असर अमेरिका में इस खेल पड़े. वैसे नोहा के सौ मी. फर्राटा रेस रेस जीतने के पीछे की कहानी बहुत ही पीड़ादायक और भावुक कर देने वाली है. सोशल मीडिया पर किए पोस्ट में इस एथलीट ने खुलासा किया वह कई तरह की समस्याओं जैसे चिंता, अवसाद, डिस्लीक्सिया ( सीखने की अक्षमता है जो आपके मस्तिष्क द्वारा लिखित भाषा को संसाधित करने के तरीके को बाधित करती है. डिस्लेक्सिया से पीड़ित लोगों को पढ़ने और संबंधित कौशल में परेशानी होती है) से गुजर रहे हैं.
स्वर्ण पदक जीतने के बाद नोहा लॉयल्स ने X पर दिल की बात पोस्ट करते हुए कहा, मैं अस्थमा, एलर्जी, डिस्लीक्सिया, एडीडी (deficit/hyperactivity disorder), चिंता और अवसाद से पीड़ित हूं. लेकिन मैं आपसे कहूंगा कि तो आपके पास होता है, वह यह नहीं बयां करता है कि आप क्या हो बन सकते हो. आप क्यों नहीं!"
बता दें कि 27 साल के लॉयल्स ने लगातार इस बात की शिकायत की है कि कैसे अमेरिका में ट्रैंक एंड फील्ड इवेंट्स को कम करके आंका जाता है और उसे पूरा सम्मान नहीं मिलता. एथलीट ने कहा कि अमेरिका में एनबीए और नेशनल फुटबॉल लीग ने देश मे पूरे खेल पर कब्जा सा किया हुआ है. लेकिन ओलंपिक में फर्राटा का स्वर्ण पदक जीतने बाद लॉयल्स ने भरोसा जताया कि उनकी जीत और हाल ही नेट फ्लिक्स पर "स्प्रिंट" की सफलता उनके खेल और स्वयं उनके लिए भुनाने का एक बढ़िया मौका है.
नोहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं हमारे खेल के लिए आए इस मौके से लिए जाने वाले फायदे की योग्यता में निरंतरता देखना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि नेटफ्लिक्स पर "स्प्रिंट" सीरीज आई और इसने बहुत ही शानदार असर छोड़ा. मैं जानता हूं कि इसके दूसरे सीजन की शूटिंग पहले से ही शुरू हो गई है. वे बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं और हमारे नामों को बाहर ले जा रहे हैं.