India at Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में बीते 7 दिन भारत के लिए शानदार रहे हैं. भले ही अबतक भारत को केवल तीन मेडल मिले हैं लेकिन इस ओलंपिक में भारतीय एथलीटों ने जिस अंदाज में अपना हुनर दिखाया है वह काबिलेताऱीफ है. खासकर तीरंदाजी, बैडमिंटन और शूटिंग में भारतीय एथलीटों का जलवा देखने को मिली है. इन खिलाड़ियों ने अपने परफॉर्मेंस से उम्मीद जगा दी है कि आने वाले समय भारत का है. बता दें कि सबसे पहले मनु भाकर ने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए मेडल का खाता खोला था. अब भारत को तीन मेडल मिल चुके हैं और अभी भी 8 दिन शेष है और मेडल की उम्मीद बढ़ गई है.
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मनु भाकर का करिश्मा
शुटिंग स्पर्धा में महिला शूटर मनु भाकर ने जो कमाल किया है वह ऐतिहासिक है. मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम स्पर्धा में भारत को मेडल दिलाकर कमाल कर दिखा. मनु ने व्यक्तिगत स्पर्धा और एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम के साथ मिलकर ब्रॉन्ज मेडल जीतने का कमाल किया. इसके अलावा भी मनु 25 मीटर स्पर्धा में मेडल जीतने की कगार पर हैं. फाइनल में मनु से एक ओर मेडल की उम्मीद है. मनु ने अपने परफॉर्मेंस से भारत को इस ओलंपिक में सबसे बड़ी गुड न्यूज दी है और आने वाले युवा एथलीटों के लिए इस इवेंट में अच्छा परफॉर्मेंस करने की दरवाजे खोल दिए हैं.
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स्वप्निल कुसाले ने जीता ब्रॉन्ज
50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में स्वप्निल कुसाले ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को दूसरी सबसे बड़ी और गुड न्यूज दी. शूटर कुसाले ने गजब का परफॉर्मेंस कर भारत को शूटिंग में तीसरा451.4 पॉइंट के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. चीन के लियु युकान ने 463.6 पॉइंट के साथ गोल्ड जीता.
लक्ष्य सेन सेमीफाइनल में
लक्ष्य सेन ने एक गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए चीनी ताइपै के चोउ तियेन चेन को रोमांचक मुकाबले में हराकर पेरिस ओलंपिक पुरूष एकल बैडमिंटन स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. वह ओलंपिक में पुरूष एकल अंतिम चार में पहुंचने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बने. अलमोड़ा के बाईस वर्ष के विश्व चैम्पियनशिप 2021 कांस्य पदक विजेता लक्ष्य ने 75 मिनट तक चले कड़े क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 2022 विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता चेन को 19 . 21, 21 . 15, 21 . 12 से हराया. पी वी सिंधू और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी के हारने के बाद अब पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन में सारी उम्मीदें लक्ष्य पर टिकी हैं.
नौकायन में बलराज पंवार का धमाल
नौकायन में भारत के बलराज पंवार ने जो कमाल किया है उसे देश हमेशा याद रखेगा. भले ही बलराज भारत को मेडल नहीं जीता पाए लेकिन नौकायन इवेंट के फाइनल में पहुंचकर भारत का नाम रोशन जरूर किया है. यह एक ऐसा इवेंट है जिसमें भारतीय एथलीट का फाइनल में जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है. लेकिन इस बार पेरिस ओलंपिक में बलराज ने असंभव को संभव कर दिखाया है. भारत के बलराज पंवार फाइनल डी में पांचवें स्थान पर रहने के बाद पेरिस 2024 ओलंपिक रोइंग प्रतियोगिता में पुरुष एकल स्कल्स स्पर्धा में 23वें स्थान पर रहे थे.
हॉकी टीम से उम्मीद
भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हरा दिया. ओलंपिक में 52 साल के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया है. आखिरी बार भारत ने 1972 में ऑस्ट्रेलिया को ओलंपिक में हराया था. हॉकी टीम अब क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है. कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारत ने अपने अंतिम पूल मैच में तोक्यो ओलंपिक खेलों की रजत पदक विजेता और चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. ओलंपिक मं भारतीय हॉकी टीम का इतिहास शानदार रहा है. पिछले ओलंपिक में भारत को 41 साल के बाद मेडल मिला था. अब एक बार फिर भारतीय हॉकी टीम मेडल जीतने के करीब है, इस बार भारतीय हॉकी टीम गोल्ड पर निशाना साधने की कोशिश करेगी. बता दें कि 1980 के मास्को ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड जीतने में सफल रही थी.
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तीरंदाजी में धीरज और अंकिता की मिश्रित जोड़ी कांस्य पदक मुकाबले में हारी
ओलंपिक में तीरंदाजी इवेंट में भारतीय मिश्रित जोड़ी धीरज और अंकिता ने कांस्य पदक के लिए लड़ाई. लड़ी हालांकि भारतीय जोड़ी यूएसके की जोड़ी से हार गई लेकिन दोनों ने अपने परफॉर्मेंस से फैन्स का दिल जरूर जीत लिया है. पहली बार तीरंदाजी में भारतीय एथलीट ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलने में सफल रहे हैं. इन सफलताओं से यकीनन भारतीयों का दिल गर्व से फूल गया है.
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मुक्केबाज निशांत देव से भी पदक की उम्मीद
भारतीय बॉक्सर निशांत देव से भी पदक की उम्मीद है. करनाल के बॉक्सर निशांत देव 71 किलोग्राम वर्ग में क्वार्टरफाइनल में हिस्सा लेंगे, जहां उनका सामना मेक्सिको के मार्को वर्डे से होगी. निशांत देव ने भी अपने परफॉर्मेंस से देश का नाम बढ़ाया है. बता दें कि बिना वरीयता प्राप्त निशांत ने सातवीं वरीयता प्राप्त इक्वाडोर के मुक्केबाज को पछाड़कर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई है. भारत के लिये तीन बॉक्सर विजेंदर सिंह (2008), एमसी मैरीकॉम (2012) और लवलीना बोरगोहेन (2021) ने ओलंपिक पदक जीते हैं जिसमें सभी का रंग कांस्य पदक रहा है.
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लवलीना बोरगोहेन ने जगाई मेडल की उम्मीद
टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) ने भी मेडल की उम्मीद जगा दी है. लवलीना ने अपने पहले मुकाबले में नॉर्वे की सुन्निवा होफ्स्टाड को 5-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया. अब क्वार्टर फाइनल में एक जीत लवलीना को मेडल दिला सकता है. बता दें कि लवलीना ने टोक्यो में 69 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था.
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मनिका बत्रा और श्रीजा अकुला ने टेबल टेनिस में रचा इतिहास
मनिका बत्रा प्री-क्वार्टरफाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं, श्रीजा अकुला बनीं दूसरी खिलाड़ी. प्री-क्वार्टरफाइनल में आठवीं वरीयता प्राप्त जापानी खिलाड़ी मियू हिरानो से 4-1 से हार के बाद मनिका का अभियान समाप्त हो गया, लेकिन टेबल टेनिस में यहां तक पहुंचकर मनिका ने इतिहास जरूर रच दिया है. टोक्यो 2020 में मनिका बत्रा ने राउंड ऑफ 32 में पहुंचने में सफल रहीं थी.
श्रीजा अकुला
इसके अलावा श्रीजा अकुला ने भी इतिहास रचा है. श्रीजा राउंड ऑफ 16 में स्वीडन की क्रिस्टीना कालबर्ग को राउंड ऑफ 64 में 4-0 से और सिंगापुर की ज़ेंग जियान को राउंड ऑफ 32 में 4-2 से हराकर पहुंची थी लेकिन राउंड ऑफ 16 में उन्हें चीन की सुन यिंग्शा से हार का सामना करना पड़ा था.
अभी तो खेल शुरू हुआ है, नीरज चोपड़ा का इवेंट बाकी है
अभी तक भारत के ये एथलीट भारत के लिए ओलंपिक में कमाल का परफॉर्मेंस करने में सफल रहे हैं. इसके अलावा नीरज चोपड़ा और मीराबाई चानू भी ओलंपिक में कमाल करने की उम्मीद लिए पेरिस पहुंच चुकी है. कुश्ती के इवेंट भी शुरू होने वाले हैं .ऐसे में उम्मीद है कि भारतीय एथलीट इस बार ओलंपिक में कुछ बड़ा करके ही लौटेंगे.