Tokyo Olympics: भारतीय महिला टीम की कप्तान (Indian Women Hockey Team) रानी रामपाल (Rani Rampal) ने अपने संघर्ष के दिनों को लेकर बात की और कहा कि कैसे उन्होंने खुद के लिए आगे ब़ढ़ने के लिए रास्ता बनाया, इसके लेकर NDTV से बात की., रानी ने अपने शुरूआती संघर्ष के बारे में बताया कि हॉकी खेलना एक ऐसा ख्वाब था, जिसका ख्वाब देखना भी किसी सपने के जैसे ही था. पिता घोड़ा गाड़ी चलाते थे. बारिश के दिनों में हमारे घरों में पानी भऱ जाता था. ऐसे माहौल से यहां तक आना बड़ी बात है. रानी ने कहा कि हम हारे जरूर लेकिन हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं था. यकीनन मेडल न जीत पाने का बहुत अफसोस है लेकिन यहां से हम काफी कुछ सीख कर जा रहे हैं. रानी ने दूसरे खिलाड़ियों के बारे में भी कहा कि वो सभी काफी मुश्किल भरे माहौल से यहां तक पहुंची है.
उनके लिए ओलंपिक में खेलना अपने-आप में एक बड़ी बात है. यदि हम जीत जाते तो अलग बात होती. रानी ने कहा कि हमारी सभी खिलाड़ियों को खुशी है कि हमने युवा लड़कियों को मोटीवेट किया है. इस बात की खुशी जरूर है. हॉकी महिला टीम की कप्तान ने कहा कि स्पोर्ट्स ही एक ऐसी चीज है जिससे हम आगे बढ़ सकते हैं. यहां तक आना आसान नहीं है, जब शुरू किया था उस समय स्थिती अच्छी नहीं थी. रानी ने आगे बताया कि काफी कम समय में अपने गांव से निकलकर बाहर आना यह एक चुनौती की तरह होती है. मुझे उम्मीद है कि हमने गरीब लड़कियों को प्रोत्साहित किया है, कि वो आगे आकर अपनी गरीबी को भूलाकर आगे आकर अपना करियर बना सकते हैं.
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महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने टीम के संघर्ष पर कहा कि हर प्लेयर की कोई न कोई संघर्ष की कहानी होती है. गरीब होना गुनाह नहीं होता है. हम उसे अपनी मेहनत से बदल सकते हैं. यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. हमें उम्मीद है कि हमने गरीब परिवार से आने वाले बच्चों को प्रेरित किया होगा कि वे सपने देख सकते हैं और उसे पूरा करने के लिए काम कर सकते हैं
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हॉकी महिला टीम की कप्तान ने कहा कि, बहुत कुछ सीखने को मिला. यह हमारे लिए क्रांतिकारी परिवर्तन है. अब हम यहां से आगे कैसे बढ़ते हैं अगले टूर्नामेंट में इसी फॉर्म को बरकरार रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, इसको लेकर मैं काफी सकारात्मक हूं.
उम्मीद है कि हमने गरीब बच्चों को सपने देखने के लिए प्रेरित किया होगा' : NDTV से बोलीं रानी रामपाल