भारतीय हॉकी टीम (Indian hockey Team) ने 41 साल के बाद ओलंपिक में मेडल जीतकर अपने स्वर्णिम इतिहास को दोहराया है. आखिरी बार भारत ने 1980 के ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. भारत ने 2020 टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) के ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर मेडल अपने नाम किया. भारत की जीत में गोलकीपर श्रीजेश (PR Sreejesh) दीवार बने और आखिरी समय में विरोधी टीम के गोल करने की कोशिश को नाकाम करके भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी. ओलंपिक में भारत के शानदार परफॉर्मेंस के पीछे गोलकीपर श्रीजेश के अहम योगदान रहा है. ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद भारतीय गोलकीपर ने एक ट्वीट किया है जिसे खूब पसंद किया जा रहा है. 12 घंटे में ही श्रीजेश के पोस्ट पर 70,000 लाइक्स और 12,000 री-ट्वीट हो गए हैं.
खेलरत्न पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार कहा जाएगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने अपने ट्वीट में अपने पिता को रवींद्रन को श्रद्धांजलि दी है, जिन्हें वे "अपना हीरो" कहते हैं और श्रीजेश ने अपनी जीत समर्पित की है. श्रीजेश द्वारा शेयर किए गए वीडियो में उनका परिवार जीत की खुशी मना रहा है. वहीं, उनके पिता जीत की खुशी में इमोशनल नजर आ रहे हैं और अपनी छाती पे हाथ रखकर भगवान का शुक्रिया भी कर रहे हैं. वीडियो में श्रीजेश का पूरा परिवार अपने हाथ जोड़ते हैं, तालियाँ बजाते हैं. श्रीजेश ने लिखा, "यह मेडल आपके लिए है मेरे आचान (पिता)... मेरे हीरो, यही कारण है कि मैं यहां हूं"
भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज मेडल की जीत में जर्मनी को 5-4 से हराकर मेडल जीता, 1980 के मास्को खेलों में गोल्ड मेडल के बाद भारतीय हॉकी के लिए पहला मेडल है, भारत की यह जीत यही मायनों में ऐतिहासिक है. जर्मनी को ब्रॉन्ज मेडल में हराने के बाद श्रीजेश ने इसका जश्न भी मजेदार तरीके से मनाया था. श्रीजेश जीत के बाद गोलपोस्ट पर चढ़कर बैठ गिए थे. भारतीय गोलकीपर के इस अंदाज ने भी फैन्स को झूमने पर मजबूर कर दिया था.
Tokyo Olympics: कौन है अदिति अशोक, जो भारत को गोल्फ में पहली बार दिला सकती है मेडल, जानें सबकुछ
बता दें कि रियो ओलंपिक में जब भारतीय टीम का सफल खत्म हुआ था तो भी श्रीजेश ने ट्वीट करते हुए दर्द की बात की थी. अब इस जीत के बाद श्रीजेश के ट्वीट ने फैन्स का दिल जीत लिया है. भारत की टीम का सफर इस ओलंपिक में यादगार रहा है.
VIDEO: लवलीना ने भारत के लिए ओलिंपिक में कांस्य पदक सुनिश्चित किया.