EXCLUSIVE: विमेंस वर्ल्ड चेस चैंपियन दिव्या देशमुख का पहला इंटरव्यू

Divya Deshmukh on NDTV: दिव्या देशमुख ने कहा कि उनकी मां के सहयोग के बिना विश्व कप जीतना संभव नहीं होता. इसके अलावा उन्होंने कई पहलुओं पर बात की

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Divya Deshmukh's first interview after become World Chapmion: भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर वर्ल्ड कप चैंपियन दिव्या देशमुख ने विश्व चैंपियन बनने क बाद, लेकिन पुरस्कार समारोह में जाने से पहले NDTV से SUPER EXCLUSIVE इंटरव्यू में बताया कि कैसे वो इस जीत का जश्न मनाने वाली हैं और इस जीत के क्या मायने हैं. उन्होंने हमारे सीनियर स्पोर्ट्स एडिटर विमल मोहन के साथ खास बातचीत में कई पहलुओं पर विस्तार से रोशनी डालते हुए विस्तार से हर सवाल का जवाब दिया. 

सवाल: आपकी इस बेहद शानदार जीत पर आपको बधाई. विश्वनाथन आनंद ने कहा कि आपको बहुत जल्दी रैपिड गेम में जीत मिली. लेकिन जीत क बाद आप अपनी मां के साथ रोने लगीं.

दिव्या देशमुख: मेरे लिए ये बहुत बड़ा मोमेंट है. मैं अपनी मां के सपोर्ट के बिना इतने लंबे टूर्नामेंट में यहां तक नहीं आ पाती. मां के साथ की वजह से इस टूर्नामेंट को जीतने में बड़ी मदद मिली.

सवाल: आपने चीनी खिलाड़ी झू जिनर को जो हराया उसे कोच अभिजीत कुंटे और विशी सर (विश्वनाथन आनंद) बहुत बड़ी जीत मानते हैं. क्या हम मानें कि हमने चीनी दीवार को तोड़ दिया है?

दिव्या देशमुख: बिल्कुल, शुरुआत तो हो गई है. आगे भी यही करने का ट्राई करेंगे.

सवाल: आप बहुत छोटे जवाब दे रही हैं...लगता है एक्साइटमेंट बरकरार है. एक बात आपके मैच के दौरान देखी कि आपके टेबल पर हर रोज़ केला रखा होता था. आप खाती तो हैं नहीं. कोई सुपरस्टिशन (अंधविश्वास) है?

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ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख: नहीं, खाने के लिए ही रखा था मैंने. लेकिन हर बार गेम में बिज़ी हो जाती थी तो खाती नहीं थी. किसी-किसी गेम में मैंने केला खाया भी.

सवाल: इस जीत के क्या मायने हैं आपके लिए?

GM दिव्या देशमुख: डेफिनिटली, इस जीत के मेरे लिए बहुत मायने हैं. मुझे मेरा GM टाइटिल मिला है. मैं मानती हूं कि ये एक शुरुआत है अच्छे फ्यूचर के लिए.

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सवाल: आप भारत की 88वीं और महिलाओं में चौथी ग्रैंडमास्टर बनी हैं. इसके साथ चीन के दबदबे को सायना नेहवाल और पीवी सिंधु की तरह धक्का दिया है. आप इस जीत को किनके साथ कंपेयर करना चाहेंगी?

GM दिव्या देशमुख: मैं इसे किसी से कंपेयर नहीं करना चाहूंगी. ये अपने आप में अलग जीत है.

सवाल: आप इसका भारतीय चेस पर क्या असर देखती हैं? आनंद कहते हैं कि गोल्डन जेनेरेशन की इस जीत का भारतीय शतरंज पर बड़ा असर पड़ने वाला है.

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GM दिव्या देशमुख: मैं उम्मीद करती हूं कि ये जीत छोटे-छोटे बच्चों को प्रेरित करेगी. जैसे, जब मैं छोटी थी, तो कोनेरू हंपी ने हमें बहुत इंस्पायर किया था. हंपी के कमांड का हम पर बड़ा असर पड़ा था. मैं चाहती हूं कि आने वाले दिनों में और भी लड़कियां इससे प्रेरित होंगी और ऐसी ही जीत हासिल करेंगी.

सवाल: आपके लिए एक महीना काफी इंटेंस रहा. आप इसे कैसे सेलिब्रेट करेंगी? आपका स्पोर्टिंग आइकॉन कौन है?
GM दिव्या देशमुख: मुझे नहीं लगता कोई एक स्पेसिफिक इंसान है. सेलिब्रेट करेंगे, लेकिन फिलहाल तो प्राइज़ डिस्ट्रिब्यूशन के लिए जाना है.  

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सवाल: चलिए तो फिर एक आखिरी सवाल, आपका नेल पॉलिश बड़ा ही अलग और रंगीन है..
GM दिव्या देशमुख: हां मैंने अपने नाखून पर चेसबोर्ड बनाया हुआ है.. 

विमल मोहन: NDTV से बात करने का बेहद शुक्रिया. 
GM दिव्या देशमुख: शुक्रिया

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