- जॉर्जिया के बातूमि में खेले गए FIDE वर्ल्ड कप 2025 में दिव्या देशमुख ने फाइनल जीतकर खिताब अपने नाम किया.
- कोनेरू हंपी और दिव्या देशमुख के क्लासिकल मैच बराबरी पर समाप्त हुए, रैपिड मैच में दिव्या ने बढ़त बनाई.
- दिव्या देशमुख ने चीनी खिलाड़ियों को मात देकर फाइनल में जगह बनाई और भारत का दबदबा स्थापित किया.
Women's Chess World Cup Final: जॉर्जिया के बातूमि में खेले गए FIDE वर्ल्ड कप 2025 में आख़िरकार दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने बाज़ी मार ली और वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया. दोनों खिलाड़ियों के बीच क्लासिकल मुक़ाबले ड्रॉ रहे. शनिवार और रविवार को हुए क्लासिकल मैच में ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी ने चेस की नई स्टार दिव्या देशमुख को बढ़त नहीं हासिल करने दी. क्लासिकल मैच 1-1 अंक की बराबरी पर रहा. (Koneru Humpy vs Divya Deshmukh)
सोमवार को खेले गए रैपिड राउंड में नागपुर की 18वीं वर्ल्ड रैंकिंग वाली दिव्या देशमुख ने सफेद मोहरों से शुरूआत की. वो आक्रामक भी दिखीं. लेकिन 5वीं वर्ल्ड रैंकिंग वाली हंपी ने काले मोहरों से खेलते हुए मैच को ड्रॉ करवाया और मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर ली. रैपिड राउंड के दूसरे गेम में काले मोहरों से खेलती हुई दिव्या देशमुख शुरुआत से हावी रहीं. जबकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक शुरुआत में कोनेरू के लिए टाइम मैनेजमेंट थोड़ा मुश्किल होता दिखा और रैपिड राउंड के दूसरे गेम में उनसे एक ब्लंडर भी हुआ.
चेस एक्सपर्ट्स के मुताबिक दिव्या शानदार तैयारी के साथ आईं. NDTV ख़ास बात करते हुए 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन और 2 बार के FIDE वर्ल्ड कप विजेता विश्वनाथन आनंद ने मैच से पहले कहा, “कोनेरू हंपी बेहद मज़बूत हैं, लेकिन फिलहाल मोमेन्टम थोड़ा दिव्या के पक्ष में नज़र आ रहा है.”
चीन को पछाड़कर भारत बना चैंपियन
बड़ी बात ये भी है कि दोनों खिलाड़ियों ने चाइनीज़ वॉल को तोड़कर फाइनल में जगह बनाई. FIDE वर्ल्ड कप के नॉकआउट टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचने के लिए 38 साल की कोनेरू हंपी और 19 साल की दिव्या देशमुख ने कई चीनी खिलाड़ियों को शिकस्त दी. महिला वर्ग में टॉप 100 में टॉप पर चीन है. चीन के 14 के बाद भारत के 9 खिलाड़ी टॉप 100 में शामिल हैं. लेकिन FIDE वर्ल्ड कप में कोनेरू और दिव्या ने चीन की मज़बूत खिलाड़ियों को मात देकर भारत का दबदबा साबित कर दिया.
विजेता को बड़ा इनामी रकम
FIDE Women's World Cup 2025 फाइनल की विजेता दिव्या देशमुख को यानी करीब 42 लाख रुपये और उपविजेता कोनेरू हंपी को 35000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 30 लाख रुपये की इनामी रकम हासिल होगी. इसके अलावा ये खिलाड़ी बेहद प्रतिष्ठित ‘कैंडिडेट्स' टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर गई हैं. चेस का बाज़ार भारत में तेज़ी से बड़ा हो रहा है. ऐसे में इन्हें पहले से कहीं ज़्यादा स्पॉन्सर्स मिलने की पूरी उम्मीद है.
फाइनल से पहले कई चीनी शिकार
5वीं वर्ल्ड रैंकिंग वाली कोनेरू हंपी ओलिंपियाड, एशियाड और एशियन चैंपियनिप की गोल्ड मेडल विजेता हैं. ग्रैंडमास्टर GM कोनेरू ने सेमीफाइनल में लेई टिंगजी (चीन, WR 3) को 5-3 के अंतर से हराया, जिसमें उन्होंने टाईब्रेक में बाजी मारी। क्वार्टरफाइनल में सॉन्ग युक्सिन (चीन, WR 36) को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की.
नागपुर की 19 साल की 18वीं रैंकिंग वाली इंटरनेशनल मास्टर IM दिव्या देशमुख ने सेमीफाइनल में चीन की तान झोंगयी (चीन, WR 8) को 1.5-0.5 से हराया. इससे पहले क्वार्टरफाइनल में इस टीनेजर ने ग्रैंडमास्टर GM हरिका द्रोणावल्ली (भारत, WR 12) को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। दोनों के क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, लेकिन दिव्या ने टाईब्रेक में जीत हासिल की। प्री-क्वार्टरफाइनल में दिव्या ने झू जिनेर (चीन, WR 6) को 2.5-1.5 से हरा दिया.