BirthdayBoy: स्टार बन चुके लक्ष्य सेन मना रहे 23वां जन्मदिन, जानिए क्या हैं उपलब्धियां, क्यों चूके पेरिस में और बाकी बातें

Lakshya Sen's birthday: हाल ही में अगले ओलंपिक के लिए सबसे बड़ी उम्मीद अगर किसी ने जगाई है, तो वह लक्ष्य सेन है, वह भारतीय बाजार की नई पसंद हैं

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नई दिल्ली:

हाल ही में खत्म हुए ओलंपिक खेलों (Paris Olympics 2024) अगर किसी भारतीय ने अगले महाकुंभ के लिए सबसे ज्यादा उम्मीद जगाई, तो वह बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) रहे. सेन ने हालिया प्रदर्शन से न केवल दुनिया भर के पंडितों को चौंका दिया, बल्कि अपने फैंस की संख्या में बहुत ही ज्यादा इजाफा कर लिया. इसमें कोई संदेह नहीं कि लक्ष्य स्टारडम हासिल कर चुके है. कंपनियां खुले दिल से उनका स्वागत करने जा रही हैं. बाजार में उनकी मांग बढ़ने जा रही है. इससे इतर आज उनका जन्मदिन है. लक्ष्य आज अपना 23वां जन्मदिन मना रहे हैं. चलिए लक्ष्य के बारे में कुछ अनुसनी बातें जान लीजिए.

विरासत में मिला खेल

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे लक्ष्य सेन को बैडमिंटन विरासत में मिली है. उनके दादा को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है, जबकि लक्ष्य के पिता डीके सेन नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर के कोच भी हैं. कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि ये परिवार अपनी नई पीढ़ी को ये खेल विरासत में देता है, क्योंकि इस युवा भारतीय स्टार का भाई चिराग सेन भी इंटरनेशनल लेवल पर बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुका है.

चोट के चलते चूके पदक

लक्ष्य सेन का पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया, लेकिन इससे उनकी काबिलियत पर सवाल उठाना जायज़ नहीं, क्योंकि ये उनका पहला ओलंपिक था और उनका सफर अभी बहुत लंबा है. इस बार भी भी वो मेडल के करीब थे लेकिन चोटिल होने के कारण चूक गए. लक्ष्य सेन ने अपनी मेहनत और संघर्ष के बूते सफलता का स्वाद चखा. 23 वर्षीय शटलर, जूनियर स्तर पर धाक जमाने के बाद दिग्गज खिलाड़ियों की फेहरिस्त में शामिल हो गए. कई बड़ी प्रतियोगिताओं में लक्ष्य ने वो कर दिखाया जो अपेक्षा से परे था. पदक जीते, देश का नाम ऊंचा किया और खुद को भारतीय पुरुष बैडमिंटन के चेहरे के रूप में स्थापित किया.

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Photo Credit: PTI

इस साल से मिलनी  शुरू हुई बड़ी कामयाबी

साल 2021 में लक्ष्य सेन ने खूब सुर्खियां बटोरी, जब उन्होंने नियमित रूप से पोडियम पर जगह पाने के लिए उच्च रेटिंग वाले विरोधियों को हराना शुरू कर दिया. हालांकि, उन्हें सबसे बड़ी सफलता तब मिली, जब उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के पुरुष बैडमिंटन एकल में स्वर्ण पदक जीता. 23 वें जन्मदिन पर, आइए भारत के लिए उनके शीर्ष प्रदर्शनों पर एक नज़र डालते हैं. उन्होंने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप (2018) में स्वर्ण पदक, डच ओपन 2019 में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर का खिताब जीता, राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्वर्ण पदक, थॉमस कप 2022 में स्वर्ण पदक तो ऑल इंग्लैंड ओपन 2022 में रजत पदक अपने नाम किया.

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