कभी भाला खरीदने के लिए नहीं थे पैसे, गांव वालों से ली उधार, आज बने गोल्ड मेडलिस्ट

Big Statement of Arshad Nadeem Father: अरशद नदीम के पिता ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि उनके गांव वालों, रिश्तेदारों और नदीम के साथियों ने अरशद के ओलंपिक सफर में खूब मदद की है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Arshad Nadeem

Big Statement of Arshad Nadeem Father: पेरिस ओलंपिक 2024 में अरशद नदीम के ऐतिहासिक प्रदर्शन से हर पाकिस्तानी को खुशी मिल रही होगी. उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करते हुए करीब 32 साल बाद ओलंपिक में पाकिस्तान को गोल्ड मेडल दिलाया है. हालांकि, उनका यह सफर इतना आसान नहीं था. उनके पिता की आमदनी कुछ खास नहीं थी. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उनके लिए चंदा इकठ्ठा किया और वह प्रशिक्षण लेने में कामयाब हो पाए. आज वह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. 

पाकिस्तानी स्टार के पिता मुहम्मद अशरफ के अनुसार, ''बहुत कम लोग ही जानते हैं कि अरशद आज इस मुकाम तक कैसे पहुंच पाए हैं. हमारे गांव वालों, रिश्तेदारों और उनके साथियों ने उनके शुरुआती दिनों में प्रशिक्षण और खर्चों के लिए यहां तक कि एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा के लिए पैसे दान किए हैं.''

नदीम ने इतिहास रचते हुए पाकिस्तान को पहला गोल्ड मेडल दिलाया है. यह पड़ोसी देश के लिए ओलंपिक में व्यक्तिगत रूप से तीसरा पदक भी है. नदीम से पहले पाकिस्तान को 1960 रोम ओलंपिक के दौरान कुश्ती और 1988 सियोल में मुक्केबाजी के दौरान मेडल हासिल हुआ था. 

साल के शुरुआत में नदीम ने प्रशिक्षण के लिए एक नए भाले की अपील की थी. जिसके बाद नीरज चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर उनके लिए आवाज उठाया था. इस दौरान दोनों खिलाड़ियों के बीच खेल भावना भी उजागर हुई थी. 

जारी साल में नदीम को अपने कोहनी, घुटने और पीठ की समस्याओं सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. पिछले साल ही उन्हें सर्जरी के रास्ते से भी गुजरने पड़ा था. इसके बावजूद उनका धैर्य नहीं टूटा और अब उनकी पूरी दुनिया सराहना कर रही है. 

यह भी पढ़ें- Neeraj Chopra: फाइनल में इस बड़े दबाव की वजह से लगातार 4 फाउल कर बैठे नीरज चोपड़ा

Advertisement
Featured Video Of The Day
Manmohan Singh Death News: नहीं रहे नए भारत के 'वास्तुकार' मनमोहन सिंह, शोक में डूबा पूरा देश
Topics mentioned in this article