ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा जब बुधवार को एशियन गेम्स में अपनी स्पर्धा में उतरे को फैंस को उनसे गोल्ड की उम्मीद थी. नीरज चोपड़ा ने भी फैंस को निराश नहीं किया और गोल्ड पर निशाना लगाया. इसके अलावा भारत के एक और अन्य खिलाड़ी किशोर जेना ने भाला फेंक स्पर्धा में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. हालांकि, यह दोनों खिलाड़ी ही स्पर्धा के दौरान चीन की 'चालबाजी' का शिकार हुए.
दरअसल, स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने पहला थ्रो काफी शानदार फेंका था. लेकिन यह थ्रो तकनीकी कारणों के चलते दर्ज नहीं हुआ. लग रहा था कि चोपड़ा ने बड़े ही आसानी से 85 मीटर का मार्क पार कर लिया है.
नीरज चोपड़ा ने चौथे प्रयास में सबसे बेहतर थ्रो किया और उन्होंने गोल्ड जीतने के बाद कहा,"मुझे नहीं पता कि उन्होंने मेरा पहला थ्रो क्यों नहीं मापा. मेरे बाद हुए थ्रो की दूरी आई, लेकिन मेरी नहीं. मेरे साथ ऐसा किसी कंपटीशन में कभी नहीं हुआ. मुझे बताया गया कि यह अच्छा थ्रो था, शायद 87-88 मीटर पर गया था. अगर पहला थ्रो अच्छा लगता है तो एथलीट से दबाव हट जाता है. ज्योति के साथ भी गड़बड़ हुई, जेना का दूसरी थ्रो फाउल दिया गया, बाद में फैसला बदला गया. हालांकि मैं किशोर जेना के लिए बेहद खुश हैं. उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया."
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज ने अधिकारियों पर जानबूझकर भारतीयों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा,"वे हमें धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं और हमारे एथलीटों को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं. नीरज का पहला थ्रो बहुत अच्छा थ्रो था और यह एक तरह की गड़बड़ी थी. हमने नीरज को वहीं विरोध करने के लिए बुलाया. जेना के थ्रो को भी फाउल कहा गया जबकि वह लाइन से एक फुट पीछे थे."
अंजू ने माना कि चीन में जीतना मुश्किल है क्योंकि उनके अधिकारी हमेशा कुछ न कुछ "शरारत" करते रहते हैं और एथलीटों को परेशान करते हैं." अंजू ने कहा,"भले ही हम सर्वश्रेष्ठ धावक, थ्रोअर, जम्पर हैं, चीन में जीतना बहुत मुश्किल है, वे ऐसी सभी शरारतें करेंगे और हमारे एथलीटों को परेशान करेंगे."
वहीं जब नीरज चोपड़ा से पूछा गया कि क्या अधिकारियों ने उनके पहले थ्रो को नहीं मापने का कोई कारण बताया, तो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ने कहा,"अधिकारियों में से एक ने कहा कि मेरे बाद दूसरे एथलीट ने अपना थ्रो तेजी से लिया था. यह एक विचित्र स्थिति थी."
अंजू ने आगे कहा,"यह एशियन गेम्स हैं कोई छोटी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप नहीं. मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं और विशेष रूप से वे भारतीयों को निशाना बना रहे हैं. यह जानबूझकर किया गया था."
अंजू को यहां तक लगा कि लंबी कूद के एथलीट एम श्रीशंकर की एक छलांग को सटीक तरीके से नहीं मापा गया था. "मुझे संदेह है कि यह 8.19 मीटर नहीं था. यह उससे कहीं बेहतर था और उनमें से एक ने लाल झंडा उठाया था. मुझे लगता है कि यह कोई फाउल नहीं था."
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