नोएडा में बिल्डरों की डेडलाइन खत्म, 5200 करोड़ रुपए का बकाया, लटका रजिस्ट्रियों का मामला

अगर बिल्डर बकाया का कुछ हिस्सा चुका देता, तो अथॉरिटी रजिस्ट्री खोलने की अनुमति दे देती, जिससे खरीदारों को फ्लैट की रजिस्ट्री कराकर मालिकाना हक मिल सकता था.

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नोएडा में बिल्डरों के लिए आज का दिन बेहद अहम है. नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डरों को बकाया राशि जमा करने के लिए दी गई अंतिम डेडलाइन शुक्रवार को समाप्त हो गई. अगर बिल्डरों ने आज तक भुगतान नहीं किया, तो 1 नवंबर से उन्हें अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों के तहत मिलने वाला लाभ नहीं मिलेगा.

करीब 5200 करोड़ रुपये का बकाया बाकी

नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, करीब 5200 करोड़ रुपये का बकाया अब भी बिल्डरों पर बकाया है. बकाया राशि जमा न होने की वजह से 15 हजार से ज्यादा फ्लैट्स की रजिस्ट्री अटकी हुई है, जिससे हजारों होम बायर्स अपने घर का मालिकाना हक पाने से वंचित हैं.

मिल चुका है नोटिस

ऑथोरिटी के एसीईओ वंदना त्रिपाठी के मुताबिक, अथॉरिटी की कुल 57 बिल्डर परियोजनाओं में से 43 बिल्डरों को दो दिन पहले अंतिम नोटिस जारी किया गया था. कई बिल्डरों ने इसके बाद अथॉरिटी अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन अब तक बड़ी रकम जमा नहीं हो पाई है.

अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के बाद बिल्डरों और बायर्स दोनों को राहत मिली थी. उन्हें बकाया का भुगतान आसान किस्तों में करने की सुविधा दी गई थी और ब्याज दरों में कुछ राहत दी गई थी.

खरीदारों को नहीं मिल सकेगा लाभ

अगर बिल्डर बकाया का कुछ हिस्सा चुका देता, तो अथॉरिटी रजिस्ट्री खोलने की अनुमति दे देती, जिससे खरीदारों को फ्लैट की रजिस्ट्री कराकर मालिकाना हक मिल सकता था. लेकिन अब तक अधिकांश बिल्डरों ने पूरी या आंशिक राशि का भुगतान नहीं किया है, जिससे बायर्स को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि डेडलाइन खत्म होने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी. अथॉरिटी का कहना है कि अब मामला बोर्ड बैठक में रखा जाएगा, जहां तय होगा कि जिन बिल्डरों ने भुगतान नहीं किया, उनके खिलाफ क्या कदम उठाए जाएं.

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