ठाकरे बंधुओं की 'चौथी' मुलाकात... क्या राज ठाकरे MVA का हिस्सा बनेंगे?

मुलाकात के बाद, संजय राउत ने इसे एक पारिवारिक भेंट बताया और किसी भी राजनीतिक चर्चा से इनकार किया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे अपनी मौसी कुंदा ठाकरे (जो राज ठाकरे की मां हैं) से मिलने गए थे.

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  • उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के आवास शिवतीर्थ पर लगभग ढाई घंटे तक विस्तृत राजनीतिक चर्चा की.
  • संजय राउत ने इस मुलाकात को पारिवारिक बताया और राजनीतिक चर्चा से इनकार किया है.
  • राजनीतिक विश्लेषक इस भेंट को शिवसेना और मनसे के संभावित गठबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण मानते हैं.
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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अचानक अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के आवास 'शिवतीर्थ' पहुंचे. यह दोनों भाइयों के बीच चौथी मुलाकात थी, लेकिन यह पहली ऐसी भेंट थी जिसमें उन्होंने ढाई घंटे से अधिक समय तक विस्तृत राजनीतिक चर्चा की. उद्धव के साथ उनके करीबी नेता संजय राउत और अनिल परब भी थे. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें तेज हैं, जिससे इस भेंट को भविष्य के राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है.

संजय राउत ने बताया 'पारिवारिक' भेंट
मुलाकात के बाद, संजय राउत ने इसे एक पारिवारिक भेंट बताया और किसी भी राजनीतिक चर्चा से इनकार किया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे अपनी मौसी कुंदा ठाकरे (जो राज ठाकरे की मां हैं) से मिलने गए थे. राउत ने बताया कि गणेश चतुर्थी के दौरान जब उद्धव राज के घर गए थे, तब भीड़ के कारण उनकी मौसी उनसे ठीक से बात नहीं कर पाई थीं और उन्होंने उद्धव को फिर से आने को कहा था. राउत ने जोर देकर कहा कि यह पूरी तरह से एक निजी और पारिवारिक मुलाकात थी.

हालांकि, राउत के इस बयान के बावजूद, राजनीतिक विश्लेषक इसे दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहे हैं. हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) के नेता सचिन अहीर ने संकेत दिया था कि इस साल की वार्षिक दशहरा रैली में राज ठाकरे को आमंत्रित किया जा सकता है, जहां ठाकरे बंधु एक बार फिर मंच साझा कर सकते हैं.

उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कांग्रेस नेताओं के साथ राज ठाकरे के साथ गठबंधन की संभावना पर चर्चा की थी. हालांकि, कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि मनसे को 'महाविकास अघाड़ी' में शामिल करने का फैसला कांग्रेस आलाकमान द्वारा लिया जाएगा. यह विस्तृत मुलाक़ात, जो पहले की तीन मुलाकातों से काफी अलग थी, भविष्य में दोनों पार्टियों के बीच किसी संभावित समझौते को औपचारिक रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है.


 

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