राज्यसभा में शुक्रवार को जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच उस समय तीखी बहस देखने को मिली, जब समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के बात करने के अंदाज पर सवाल उठा दिया. इस मसले पर राजनीति तेज हो चुकी है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने सदन में पुराने जमाने की दिग्गज अभिनेत्री के व्यवहार की आलोचना की है.
क्या है पूरा मामला?
निरुपम ने कहा, "जया जी देश की सीनियर सिटीजन और वरिष्ठ अभिनेत्री हैं. हम सब उनका बड़ा आदर करते हैं. उन्हें जया अमिताभ बच्चन बुलाने पर एतराज करते देखकर मुझे भी अच्छा नहीं लगा. सचिवालय में जो नाम दिया जाता है स्पीकर उसी नाम से सांसद को बुलाते हैं. जया बच्चन ने यही नाम दिया होगा, इसलिए उन्हें जया अमिताभ बच्चन पुकारा गया होगा. वह अमिताभ बच्चन की पत्नी हैं जो सौभाग्य की बात है. हम इस गौरव को सम्मान देते हैं. अमिताभ जी से पूरा देश प्रेम करता है. ऐसी आपत्ति उन्हें क्यों है, यह देखकर हमें भी दुख हुआ."
इससे पहले बोलने न दिए जाने से नाराज विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया और राज्यसभा से उठकर बाहर चले गए. सदन में विपक्ष के कई सदस्य नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिए जाने की मांग कर रहे थे. इस बीच कुछ अन्य विषयों पर भी विपक्षी सांसद अपनी बात कहने की कोशिश करते रहे.
जया बच्चन की इस बात से नाराज सभापति ने कहा, "जया जी आपने बहुत प्रतिष्ठा अर्जित की है, आप जानती हैं कि एक अभिनेता निर्देशक के अधीन होता है, मैंने यहां जो देखा वह आपने नहीं देखा. आप कोई भी हो सकती हैं, आप कोई सेलिब्रिटी हो सकती हैं, लेकिन आपको डेकोरम समझना होगा."
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को मुंबई के एक कॉलेज को परिसर में छात्राओं के बुर्का, हिजाब या नकाब पहनने पर प्रतिबंध के लिए फटकार लगाये जाने और संस्थान के आदेश पर आंशिक रोक लगाने के लेकर भी संजय निरुपम ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "हिजाब पहनना मुस्लिम महिलाओं का अधिकार है, लेकिन स्कूल कॉलेज के अपने अधिकार हैं. उनके अपने कानून हैं, उन्हें कानून बनाने का अधिकार है. उस कानून को सबको फॉलो करना चाहिए. लेकिन जब विवाद हुआ तो उस पर आखिरी निर्णय सुप्रीम कोर्ट को लेना है और उस निर्णय का सबको सम्मान करना चाहिए."