- मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड के बयान से पार्टी के मुस्लिम नेता मौलाना ओबेदुल्ला खान आजमी नाराज हैं.
- गायकवाड ने मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर उन्हें जेल भेजने की मांग की थी.
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को 2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले के 12 आरोपियों को बरी कर दिया था.
मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड के एक बयान से पार्टी के मुस्लिम नेता नाराज हैं. मौलाना ओबेदुल्ला खान आजमी, जो कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद हैं, उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व को एक खत भेजकर गायकवाड की शिकायत की है. गायकवाड ने सरकार से मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में बरी किये गये आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने और फिर से उन्हें जेल भेजने की मांग की थी. आजमी के मुताबिक गायकवाड का ये बयान कांग्रेस पार्टी के इस मुद्दे को लेकर आधिकारिक पक्ष की तरह देखा जा रहा है और इससे मुस्लिम समुदाय कांग्रेस से दूर होगा.
21 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन 12 आरोपियों को बरी कर दिया था जिन्हें निचली अदालत ने ट्रेन ब्लास्ट के मामले में साल 2015 में दोषी ठहराया था. 11 जुलाई 2006 को मुंबई की 7 लोकल ट्रेनों में सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिनमें करीब 200 लोग मारे गये थे. इस मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने 12 लोगों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ मुकदमा चलाया था. निचली अदालत ने उनमें से 5 लोगों को फांसी और दो को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. इन दोषियों ने जब हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी तो हाईकोर्ट ने जांच में कई खामियां पायीं और सभी को बरी कर दिया.
आजमी ने लिखा कि गायकवाड के बयान से पार्टी की धर्म निरपेक्ष छवि को ठेस पहुंचती है और पार्टी के प्रति मुसलमानों का विश्वास कमजोर होता है. आजमी के मुताबिक गायकवाड का सियासी करियर मुसलमानों के कांग्रेस के प्रति अटल समर्थन पर टिका रहा है. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मांग की कि गायकवाड के बयान की निंदा की जाये और ये स्पष्टीकरण दिया जाये कि गायकवाड का बयान पार्टी का आधिकारिक पक्ष नहीं है.
मुंबई में मुस्लिम समुदाय कांग्रेस का पारंपरिक वोटर माना जाता है, हालांकि समाजवादी पार्टी भी मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास करती रही है. आने वाले बीएमसी चुनावों में एआईएमआईएम भी बड़ी संख्या में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है, जिससे कांग्रेस के लिये चुनौती बढ़ सकती है.